दागियों को सेवा में शामिल करने के खिलाफ हैं महापौर

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – रिश्वतखोरी के मामले गिरफ्तार हो चुके पिंपरी चिंचवड़ मनपा के दागी अधिकारियों व कर्मचारियों को पुनः मनपा की सेवा में शामिल करने का अहम फैसला मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने किया है। इस पर प्रशासन और सत्तादल भाजपा विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। यहां तक कि इस फैसले के लिए सत्तादल के बड़े पदाधिकारियों द्वारा ‘डील’ किये जाने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए। हालांकि दो दिन पहले ही ‘दुबई टूर’ से लौटे महापौर राहुल जाधव दागियों को सेवा में शामिल करने के खिलाफ में नजर आए। उन्होंने आनन- फानन में आयुक्त को एक खत लिखकर इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
एक ओर घूसखोरों पर लगाम कसने के लिए सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है, वहीं दूसरी ओर पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर घूसखोरों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आ रहे हैं। उनकी अध्यक्षता में निलंबन समिति की समीक्षा बैठक में मनपा के 16 ऐसे अधिकारी व कर्मचारी जिन्हें रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित किया गया है, उन्हें सेवा में फिर से शामिल करने का फैसला किया गया। हालांकि उन्हें मूल पद पर नियुक्ति नहीं दी गई है। उन्होंने ऐसे गैर-कार्यशील पदों की नियुक्ति की है जो किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन के संपर्क में नहीं आते हैं। हालांकि यह फैसला विवादों से घिर गया है।
विपक्षी दल के नेता दत्ता साने, भूतपूर्व नगरसेवक मारुति भापकर समेत विपक्षी दलों ने इस फैसले का पुरजोर विरोध जताया है। यही नहीं इस मुद्दे पर मनपा आयुक्त और सत्तादल भाजपा पर फिर से निशाना साधा है। यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि, इस फैसले के लिए सत्तादल के बड़े पदाधिकारियों द्वारा बड़ी ‘डील’ की गई है। इस पूरे मामले पर दो दिन पहले विदेश यात्रा से लौटे महापौर राहुल जाधव कड़ी नाराजगी जताई है। विपक्ष को बिना प्रमाण के ऐसे आरोप न लगाने की हिदायत देने के साथ ही उन्होंने जनसामान्यों में पार्टी और मनपा की प्रतिमा मलीन करनेवाले इस फैसले को वापस लेने को लेकर आयुक्त को खत भी लिखा है।
मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर उनकी अध्यक्षता में निलंबन समिति की समीक्षा बैठक में निलंबन कार्रवाई किए गए सभी दागी अधिकारी व कर्मचारियों के केस की स्टडी की गई। साथ ही उनको फिर से सेवा में शामिल करने का निर्णय लिया गया। इसमें एक बिल्डर द्वारा से 12 लाख रुपये की रिश्वत लेनेवाले लघु लेखक राजेंद्र शिर्के, बिलों को पास करने के लिए रिश्वत लेनेवाले लेखाधिकारी किशोर शिंदे, माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रभारी अलका कांबले और हेडमास्टर बाबासाहेब राठौड़ के साथ ही तानाजी दाते (सहायक स्वास्थ्य अधिकारी), प्रकाश रोहकले, (लिपिक), अमोल वाघेरे (लिपिक), उदय वानखेडे (सब फायर ऑफिसर), अनिल माने (फायरमन), श्रावण कांबले (क्रीडा शिक्षक), राजेश रजपुत (मजदुर), सुभाष खरात (सर्वेयर), नीलेश राठोड (मजदुर), शितल चतुर्वेदी (मीटर निरिक्षक) शैलेश जाधव (वॉर्डबॉय), सचिन घनवट (एम.पी.डबल्यू) शामिल हैं।