पीएफ कार्यालय को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा 

पुणे : समाचार ऑनलाईन – केरल हाईकोर्ट द्वारा कर्मचारियों की पेंशन वृद्धि के संदर्भ में दिए गए निर्णय के खिलाफ भविष्य निर्वाह निधि कार्यालय (पीएफओ) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पीएफओ की याचिका खारिज कर दी है. याचिका खारिज होने के बाद कर्मचारियों के पूरे वेतन पर पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली स्थित मुख्य पीएफ कार्यालय ने देशभर के पीएफ कार्यालयों से पेंशनधारकों का डाटा मंगवाया है.

गौरतलब है कि पीएफ कार्यालय कर्मचारियों के पूरे वेतन की कटी हुई रकम पर पीएफ देता था, लेकिन उससे पेंशन का हिस्सा अलग करना चाहिए था जो वह नहीं करता था. इसके खिलाफ कर्मचारियों ने आवाज उठाई तो केरल पीएफ कार्यालय केरल हाईकोर्ट चला गया. हाईकोर्ट से मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया और पीएफ कार्यालय के खिलाफ निर्णय दिया.

इसके बाद दिल्ली स्थित पीएफ कार्यालय द्वारा मंगाए गए डाटा पर देनदारी की शुरुआत देशभर के पीएफ कार्यालयों ने की है. पीएफ कार्यालय के सीनियर अधिकारी का कहना है कि कोर्ट के निर्णय से पीएफ कार्यालय को तगड़ा झटका लगा है. इस निर्णय से कंपनियों के लिए पीएफ और पेंशन की रकम पीएफ कार्यालय में जमा करवाना अनिवार्य कर दिया गया है. इससे पहले कुछ कंपनियां बढ़ाये गये वेतन से पीएफ व पेंशन की रकम काट लेती थीं, लेकिन यह रकम जमा नहीं कराती थीं. उन्हें अब पीएफ और पेंशन की रकम समय पर जमा करानी होगी.  कर्मचारियों द्वारा पेंशन पाने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स और शर्तों को पूरा करने के बावजूद पीएफ कार्यालय से पैसा मिलने में विलंब हो रहा था. प्रमुख रूप से पीएफ कार्यालय के सदस्य, विधवा, विधुर, नॉमिनी व बच्चे आदि इस योजना के तहत पीएफ कार्यालय में दावा कर सकते हैं. यह जानकारी पीएफ कार्यालय के कर्मचारी ने दी.