थम नहीं रहा अफवाहों का दौर, पुलिस और सरकार परेशान, पुलिस कंट्रोल रूम में दिन-रात ‘इस’ बात को लेकर आ रहे हैं फ़ोन…

समाचार ऑनलाइन – महाराष्ट्र का मराठवाड़ा क्षेत्र कई सालों से सूखे की मार झेल रहा है. नतीजतन प्रति वर्ष सैंकड़ो किसानों की फसले खराब हो जाती है. लेकिन हाल ही में कुछ शरारती तत्वों द्वारा सुखा प्रभावित लोगों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया गया है. कुछ बदमाशों ने व्हाट्सऍप के माध्यम से सूखाग्रस्त इलाकों में कृत्रिम बारिश की अफवाह फैला दी है. औरंगाबाद संभाग के सूखाग्रस्त क़रीब चार जिलों को लेकर यह अफवाह फैलाई गई हैं. इसके बाद से ही यहां के बाशिंदें कृत्रिम बारिश वाले बादलों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

नींद उड़ी हुई हैं मुम्बई पुलिस की …

एक ओर इन अफवाहों का दौर थमने का नाम नही ले रहा. वहीं दूसरी ओर इन अफवाहों के सन्दर्भ में  आने वाले फोनकॉल्स को संभाल पाना पुलिसकर्मियों के लिए सिरदर्द बन गया हैं. गौरतलब हैं कि इन अफवाहों के कारण गाँव वाले 24 घंटे पुलिस कंट्रोल रूम मे फ़ोन करके अफवाहों की पुष्टि कर रहे हैं.

शासन प्रशासन भी परेशान …

इन अफवाहों पर अंकुश लगाने में शासन-प्रशासन भी काफ़ी हद तक परेशान हो चुका. वही इनके द्वारा गग्रामीणों को समझाईश दी ज़ा रही हैं कि, इन अफवाहों का कोई आधार नही हैं.

क्या है अफवाह ?

उल्लेखनीय हैं कि व्‍हाट्सएप के माध्यम से यह भ्रांति फैलाई गई हैं कि, अगर किसी की छत पर बारिश के बादल दिखे तो, वे तुरंत पुलिस या कमिश्नर कार्यालय में इसकी जानकारी दें. बस इसी के चलते दिन-रात पुलिस कंट्रोल रूम में गांव वालों के फोन आने का सिलसिला शुरू हो गया हैं, जो अब थमने का नाम नहीं ले रहा.

एनसीपी प्रमुख को भी फेसबुक पर लिखनी पड़ी पोस्ट…

इसी तरह कुछ दिन पूर्व इन सूखाग्रस्त इलाकों मे अफवाह फैलाई गई कि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार नई स्‍कीम के तहत क्षेत्र के सभी के लोगों के मोबाइल रीचार्ज कराएंगे. इन अफवाहों पर अंकुश लगाने के लिए स्वयं शरद पवार को फेसबुक पर पोस्‍ट लिखकर सफ़ाई देनी पड़ी थी. इस अफवाह ने पूरे इलाके की जनता ने एनसीपी पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाक मे दम कर दिया था.