‘डाई-ईची’ कंपनी व मजदूरों के बीच जारी संघर्ष खत्म

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पिंपरी। संवाददाता : पिंपरी चिंचवड शहर की डाई-ईची करकरीया लि. कंपनी और यहां के मजदूरों का नेतृत्व करनेवाले  हिंद कामगार संगठन के बीच गत 13 वर्ष से शुरू अदालती लड़ाई मजदूरों ने जीत ली है। कंपनी से मजदूरों को दिए जाने वाले सभी आर्थिक लाभ 14 दिसंबर को अदालत में जमा कराए गए हैं। इस तारीख को महाराष्ट्र के औद्योगिक व मजदूर क्षेत्र में सुवर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, यह मत हिंद कामगार संगठन के अध्यक्ष डॉ. कैलास कदम ने व्यक्त किया।
सोमवारी को पुणे मुंबई महामार्ग पर कासारवाडी स्थित डाई-ईची करकरीया लि. कंपनी के प्रवेशव्दार पर डॉ. कैलास कदम के हाथों मजदूरों को उन्हें दिए जानेवाले आर्थिक लाभ के डिमांड ड्राफ्ट बांटे गए।इस मौके पर इंटक पुणे जिला के महासचिव मनोहर गडेकर, युनिट अध्यक्ष संजय काशीद, आनंदराव फडतरे, विनायक पोतदार, छबू जवलकर, सुर्यकांत ससाणे, सदानंद जोशी, केशव जाधव के साथ कंपनी के मजदूर और उनके परिवार वाले मौजूद थे।
डॉ. कदम ने बताया कि, शनिवार 14 दिसंबर को पुणे के औद्योगिक व श्रम न्यायालय में हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में डाई-ईची करकरीया लि. कंपनी और हिंद कामगार संगठन के बीच गत 13 वर्ष से शुरू अदालती लड़ाई सामंजस्य से सुलझाया गया। इसके बाद कंपनी ने मजदूरों को दिए जाने वाले सभी आर्थिक लाभ डिमांड ड्राफ्ट के स्वरूप में न्यायालय में जमा कराया। इसका लाभ 2008 के बाद रिटायर हुए मजदूरों और जिनका देहांत हो गया उनके समेत अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रहे कुल 170 मजदूरों को मिलेगा। महाराष्ट्र के औद्योगिक व मजदूर क्षेत्र में किसी यूनियन द्वारा सर्वोच्च न्यायालय तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़े जाने का यह पहला मौका रहने का दावा भी डॉ कदम ने किया।

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