महाराष्ट्र में सत्ता के पेंच पर सुप्रीम कोर्ट में अब कल होगी सुनवाई, कोर्ट ने कहा ये कागजात जमा करे 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – राज्य में सरकार गठन को लेकर शिवसेना ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई हुई है. न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना, न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ इस याचिका पर कल सुनवाई करेगी। इस बीच राज्यपाल ने किस आधार पर राष्ट्रपति शासन खत्म किया, शपथ विधि से जुड़े कागजात लेकर सुबह 10. 30 में पेश होने का आदेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सुप्रीम कोर्ट ने दी है.

दायर याचिका पर सुनवाई हुई 
शनिवार को राज्य में ऐसा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ जिसने सबको चौका दिया। शरद पवार में फुट पड़ गई और उनके भतीजे अजीत पवार ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना लिया। दायर याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल दवारा किया गया कृत्य सविधान के अनुसार नहीं है. अजित पवार ने जिस 54 विधायकों के सिग्नेचर वाला पत्र राज्यपाल को सौपा है वह भाजपा को समर्थन देने के लिए नहीं था.
याचिका में रविवार सुबह 11. 30 सुनवाई हुई. पक्षकार के वकील के रूप में कैपल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा. जबकि दूसरी तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा. शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर जबकि कांग्रेस की तरफ से पृथ्वीराज चव्हाण कोर्ट में मौजूद थे.
कर्नाटक मामले का हवाला दिया गया 
कपिल सिब्बल ने करीब 15 मिनट तक पक्ष रखा. कर्नाटक मामले का हवाला दिया गया. इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा की राज्यपाल के निर्णय को चुनौती नहीं दी जा सकती है. इस पर न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना ने कहा की राज्यपाल किसी को भी शपथ विधि नहीं बुला सकती है. इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी में जमकर बहस हुई.