… तो कामचोर और भ्रष्ट कर्मचारियों को जबरन नौकरी से निकाल दिया जाएगा 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – भ्रष्ट और कामचोर कर्मचारियों को काम से बाहर का रास्ता दिखाने की दृष्टि से आप सभी कर्मचारी अपने काम में सुधार लाये। इस तरह का  सख्त निर्देश केंद्र सरकार ने बैंक, सार्वजनिक कंपनियों और सरकारी विभागों को दिया हैं । लेकिन सरकार ने यह हिदायत भी दिया है कि कर्मचारियों की क्षमता का परिक्षण निष्पक्षता से हो और किसी को जबरन रिटायरमेंट देने जैसी मनमानी नहीं होगी।
कार्मिक मंत्रालय ने पत्र भेजा है 
कार्मिक मंत्रालय ने सभी सरकारी विभाग के सचिवों को इस संबंध में लिखित जानकारी दी है । इसमें कहा गया है कि अपने विभाग के सभी कर्मचारी के काम की गुणवत्ता तय करने के बाद जांच की जाएगी। कामचोरी या भ्रष्ट कर्मचारियों को लोकहित में जबरन रिटायरमेंट दिया जाये। लेकिन ऐसा करते हुए मनमानी नहीं  हो इसका ध्यान रखा जाये। कार्मिक मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि ऐसा करते वक़्त निर्णय पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं हो ।
हर महीने की 15 तारीख को रिपोर्ट भेजनी है 

यह प्रक्रिया 15 जुलाई से शुरू होगी। हर महीने की 15 तारीख को सभी सरकारी विभाग को कार्मिक मंत्रालय को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया हैं । हाल ही में सरकार ने सीमाशुल्क और केंद्रीय आबकारी विभाग के 15 अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया था । महीने के शुरुआत में इनकम टैक्स विभाग के 12  अधिकारियों को भी घर का रास्ता दिखा दिया गया था । इस प्रक्रिया को जारी रखने के लिए केंद्र सरकार ने यह पत्र भेजा है ।