INSPIRATION : कभी सूखे की मार झेल रहे गाँव में आज है 1800 तालाब; 58 वर्षीय किसान ने किया करिश्मा

समाचार ऑनलाइन – अगर कुछ करने की मन में ठान ले और उसे पूरा करने में शिद्दत से मेहनत करें तो सफलता जरूर आपके कदम चूमेंगी. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है 58 वर्षीय किसान नवल किशोर ने. आज नवल जिस गाँव का निवासी है, वह एरिया भारी जल संकट की चपेट में हैं. सूखे की वजह से यहाँ के 8 किसानो ने सिर्फ 7 दिनों में मौत को गले लगा लिया था. इन सब से आहत होकर नवल ने ऐसा सराहनीय कदम उठाया की आज उसी गाँव में 1800 तालाब खुद गए हैं.

वर्षा का जल मोनो ब्लॉक की सहायता से खेतो तक पहुंचाया

नवल बुंदेलखंड के महुआ ब्लॉक के पड़ुई गांव के निवासी हैं. नवल ने खेतों की सिंचाई के लिए साल 2009-10 में बिना सरकारी मदद लिए तालाब बनवाया और वर्षा जल संचय किया. इस पानी को मोनो ब्लॉक की सहायता से खेतो तक पहुंचाया. नवल का यह प्रयोग सफल रहा. लेकिन यह उस वक्त गांववासियों ने नवल की हंसी उड़ाई.

7 दिन में 8 किसानों ने लगाया मौत को गले

लेकिन जब इसी दौरान गाँव में सूखा पड़ा और पडुई गाँव के 8 किसानों ने जल संकट के कारण 7 दिन में आत्महत्या कर ली. तब नवल ने गाँव के लोगो को अपने प्रयोग को लेकर जागरूक किया. फिर इतना सब हो जाने के बाद लोगों ने नवल के प्रयोग को अपनाने की सोची. आज पडुई और आसपास के डेढ़ सो गाँवो में बिना किसी सरकारी सहायता के हरियाली और खुशहाली लहरा रही है. यह सब नवल के जल संकट को दूर करने के संकल्प और प्रयासों से ही पूरा हो पाया है.

नवल की कोशिश रंग लाई

पडुई के आसपास अब पांच तालाब लबालब भरे हुए हैं और आसपास के डेढ़ सौ से अधिक गांवों में 1800 तालाब बन चुके हैं. नवल ने साल में 300 से अधिक तालाब खुदवाने का लक्ष्य रखा है. आज यहाँ के भूमिगत जल का स्तर भी पहले से काफी बढ़ चुका है. अगर चाहे तो उनके मॉडल पर काम करके बुंदेलखंड में सूखे के प्रभाव को खत्म किया जा सकता है.