दिल्ली में नहीं होगा चक्का जाम… राकेश टिकैत के इस एलान से पुलिस ने ली चैन की सांस

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : 26 जनवरी की तरह ही 6 फरवरी और उसके आसपास दिल्ली समेत अन्य शहरों में चक्का जाम के बहाने उपद्रवी हिंसा फैलाने की योजना में लगे हैं। 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद एक बार फिर इंटेलिजेंस इनपुट्स ने सुरक्षा एजेंसियों को चेताया है। इनपुट्स में कहा गया है कि किसान आंदोलन के बीच बड़ी तादाद में घातक हथियारों का जखीरा छिपा हुआ है। सबसे ज्यादा सेंसटिव सिंघु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर बताया गया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इनका इरादा लाल किले की तरह ही धारदार हथियारों के सहारे बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाना होगा। सूत्रों ने बताया, हरियाणा से सटे बॉर्डर एरिया में खतरा ज्यादा है। यहां पहले से ही बड़े पैमाने पर धारदार हथियार लाकर छिपाए गए हैं।

खुफिया अलर्ट मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने भी एहतियातन तगड़े सुरक्षा इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। तभी शुक्रवार को अचानक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एलान किया कि राजधानी दिल्ली में चक्का जाम नहीं किया जाएगा। जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपनी-अपनी जगहों पर 6 फरवरी को चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे। ये जाम दिल्ली में नहीं होगा। सुरक्षा एजेंसियों को इससे बड़ी राहत मिली होगी।

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने एलान किया है कि 6 फरवरी को दोपहर 12 से तीन बजे तक इस चक्का जाम के दौरान सभी नेशनल और स्टेट हाईवे जाम करें। इसी के साथ गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुए ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसानों पर दर्ज मुकदमे और गिरफ्तारी का विरोध किया जाएगा।  किसान नेताओं ने बताया कि मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने 26 जनवरी की पुलिस कार्रवाई में मारे गए उत्तराखंड के किसान नवरीत सिंह की अंतिम अरदास में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।