कांग्रेस में शामिल हुए रिटायर जज के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने लिया यह एक्शन

पुणे। समाचार ऑनलाइन

कांग्रेस में शामिल हुए एक रिटायर जज को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य सहकारी बैंक के बीच मध्यस्थता के लिए गठित पैनल से हटा दिया है। यह रिटायर जज कोई और नहीं बल्कि बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज अभय एम थिपसे हैं। उन्होंने जून में कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने औपचारिक रूप से पार्टी में उनका स्वागत किया। उनका सियासी दल में प्रवेश चर्चा का विषय बन गया है।

राज्य सरकार और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के बीच राजकोषीय विवादों में मध्यस्थता करने के लिए एक पैनल गठित किया है जिसमें थिपसे को अप्रैल में दावा समिति के न्यायिक सदस्य के रूप में नामित किया गया था। उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मनोनीत एक अन्य विशेषज्ञ के साथ मिलकर राज्य सरकार द्वारा बैंक को देय राशि के विवाद सुलझाने का जिम्मा दिया गया था। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट ने उन्हें कार्यमुक्त कर दिया।

थिपसे ने ‘फांसीवाद और असहिष्णुता के खिलाफ लड़ाई’ के लिए जून में कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। राज्य सरकार के वकील ने थिपसे के कांग्रेस में जुड़ने का पत्र जब कोर्ट में सौंपा तो वहां मौजूद सभी जज मुस्कुरा उठे। बेंच ने भी इसके लेकर अचंभित होते हुए टिप्पणी की, ‘क्या! वह एक राजनीतिक दल में शामिल हो गए हैं। यह अक्सर नहीं होता है, हमें पत्र दिखाएं।इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश एसजे वाजिफदार को समिति के नए सदस्य के रूप में नामित करने का फैसला किया।