फ़ुटबाल विश्व कप में पहली बार हुआ कुछ ऐसा कि…

मॉस्को: फुटबाल विश्वकप में शनिवार का दिन बेहद ख़ास रहा। ख़ास इस लिहाज़ से कि वर्ल्ड कप के इतिहास पहली बार वीडियो असिस्टेंट रेफरी (वीएआर) सिस्टम का इस्तेमाल किया गया, जिसके बाद मैच रेफरी को अपना नतीजा बदलना पड़ा। और इस लिहाज़ से भी कि पहली बार विश्व कप खेल रहे आइसलैंड ने अर्जेंटीना जैसी दिग्गज टीम को 1-1 पर रोक दिया। पहले बात वीएआर की करते हैं। ग्रुप सी के मुक़ाबले में फ्रांस ने ऑस्ट्रेलिया को दो-एक से यह मुक़ाबला हरा दिया। हुआ यूं कि फ्रांस के खिलाड़ी ऑन्टुऑन ग्रीज़्मैन गेंद के साथ ऑस्ट्रेलियाई गोल पोस्ट की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पेनल्टी बॉक्स में एक ऑस्ट्रेलियाई डिफेंडर ने उन्हें गिरा दिया। फ्रांस के खिलाड़ियों ने पेनल्टी की अपील की लेकिन मैच रेफरी नहीं माना। इसके बाद फ्रांस ने वीएआर सिस्टम के इस्तेमाल की अपील की। इसके तहत मैच रेफरी मैदान के पास ही लगी एक स्क्रीन पर वीडियो फुटेज देखता है और फिर फैसला लेता है। रेफरी ने फुटेज देखी और फ्रांस को पेनल्टी मिल गई। इसका फायदा उठाते हुए ऑन्टुऑन ग्रीज़्मैन ने बिना किसी चूक के गेंद को गोल पोस्ट में डाल दिया और फ्रांस को मैच में 1-0 की बढ़त मिल गई। फ्रांस ने यह मैच 2-1 से अपने नाम कर लिया था।

चूक गए मेसी
वहीं, ग्रुप डी के एक मैच में आइसलैंड ने दिग्गज अर्जेंटीना को एक-एक की बराबरी पर रोक दिया। मैच जब बराबरी पर था तो अर्जेंटीना को पेनल्टी किक का मौक़ा मिला, लेकिन लियोनेल मेसी उसे गोल में तब्दील नहीं कर सके। फिनबॉगेसन ने आइसलैंड का इस विश्व कप में पहला गोल किया। आपको बता दें कि आइसलैंड यूरोप का एक छोटा सा देश है जिसकी आबादी चार लाख से भी कम है, लिहाजा अर्जेंटीना को बराबरी पर रोकना उसके लिए बड़ी कामयाबी है।