यहां गुफाओं में रहने को मजबूर हैं हजारों लोग

निक्को : समाचार एजेंसी- पाकिस्तान की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। मकानों की भारी कमी के चलते राजधानी इस्लामाबाद के उत्तर पश्चिम में हजारों की संख्या में लोग गुफाओं में रहने को मजबूर हैं। खबरों के अनुसार, ये गुफाएं बम रोधी, भूकंप रोधी होने के साथ-साथ सस्ती भी हैं। पाकिस्तान की राजधानी से करीब 60 किलोमीटर दूर हसन अब्दल गांव में तकरीबन 3 हजार लोग गुफाओं में रह रहे हैं। रशीद का घर भी इन्हीं गुफाओं में एक है। उन्होंने बताया कि इन गुफाओं को हाथों से खोदा जाता है और दीवारों को मिट्टी से लेपा जाता है। यदि आप मिट्टी का मकान बनाते हैं तो बारिश में ढह जाता है, लेकिन यह नहीं ढहता। ये भूकंप प्रूफ और बम प्रूफ हैं। इन गुफाओं में कुछ कमरे होते हैं और एक बरामदा होता है। यहां रहने वाले अमीर उल्ला खान ने बताया, ‘यह अपेक्षाकृत सस्ता है…हमने इसे खुद ही खोदा है।

गुफाओं में रहने वाले लोगों ने बताया कि यह गुफा पाकिस्तान के मौसम के अनुकूल है। यह गर्मियों में ठंडी रहती हैं जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है। वहीं, कड़ाके की ठंड में यह गर्माहट महसूस कराती हैं। हालांकि इन गुफाओं में रहना आसान नहीं है, क्योंकि इनके अंदर सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती। टीवी चलाने के लिए बाहर से बिजली के तार लाये जाते हैं। वहीं अंदर पानी की पाइपलाइन और नल की व्यवस्था भी कम दिखती है।

साकी रियाज नाम के एक रियल स्टेट एजेंट ने बताया कि गांव देहात में भी एक मकान बनाने के लिए जमीन का छोटा सा टुकड़ा खरीदने में कम से कम 10 लाख रुपए (पाकिस्तानी मुद्रा) चाहिए। स्थानीय मौलवी ने एक बड़ा आवासीय परिसर बनाया है, जहां काफी संख्या में श्रद्धालु धार्मिक उत्सवों पर पहुंचते हैं। हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कम से कम 50 लाख मकान बनाकर आवास के संकट को दूर करने का वादा आवाम से किया है।