टिकट देकर मांगी निधि; इसलिए छोड़ दी राष्ट्रवादी

विधानपरिषद चुनाव: रमेश कराड का सनसनीखेज खुलासा

लातूर। पुणे समाचार ऑनलाइन

सत्ताधारी भाजपा से राष्ट्रवादी काँग्रेस में शामिल होने के बाद स्व. गोपीनाथ मुंडे के कटटर समर्थक रहे रमेश कराड को तत्काल विधानपरिषद चुनाव का प्रत्याशी घोषित किया गया। मगर नामांकन वापसी के आखिरी दिन उन्होंने अपना नामांकन वापस लेकर सभी को चौंका दिया। इस बारे में तरह- तरह की अटकलें लगाई जा रही थी, हांलाकि अब खुद कराड ने राष्ट्रवादी छोड़ने की वजहों का खुलासा किया है। प्रत्याशी घोषित करने के बाद पैसों की मांग किये जाने से उन्होंने नामांकन वापस लिया और राष्ट्रवादी कांग्रेस छोड़ दी। उनके इस खुलासे ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है।

उन्होंने कहा कि, राष्ट्रवादी कॉंग्रेस में प्रवेश करने के बाद पार्टी हाईकमान शरद पवार ने ही उन्हें टिकट दिया। उनके आदेश से ही नामांकन पत्र दाखिल किया। मगर चुनाव के लिए जो बजट तय किया गया था, उससे कही ज्यादा पैसों की मांग की गई। इसका भुगतान करना मेरे लिए सम्भव न था। मेरे पिता आज भी खेती करते हैं, वे कोई मिल मालिक नहीं हैं। इसलिए राष्ट्रवादी कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया और नामांकन पत्र वापस ले लिया। उन्होंने यह भी कहा कि, मेरे पार्टी में शामिल होने से राष्ट्रवादी के स्थानीय नेता व कार्यकर्ता काफी खुश थे, मगर यह पार्टी कार्यकर्ताओं की नहीं बल्कि नेताओं की है।

अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत स्व. गोपीनाथ मुंडे के मार्गदर्शन में शुरू हुआ। पंकजा मुंडे के साथ खून के रिश्ते से भी बढ़कर अपना रिश्ता है। इस वजह से मन में लगातार एक बात चूभती रही कुछ गलत किया है। भाजपा नेताओं के साथ राजनीति से अलग अपनी मित्रता है। एक कार्यकर्ता के तौर पर भाजपा के साथ जुड़े रहे और आगे भी कार्यरत रहेंगे, यह भी कराड ने कहा। बहरहाल पंकजा मुंडे और रमेश कराड ने सोच समझ कर ही राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ यह सियासी दांव चलकर विधानपरिषद में विपक्षी दल के नेता धनन्जय मुंडे को जोरदार धक्का दिया, ऐसा सियासी गलियारों में कहा जा रहा है।