डाका डालने आये गिरोह का पीछा करते हुए 2 पर कसा शिकंजा

30 लाख रुपये का माल जब्त; 21 मामले उजागर
पिंपरी चिंचवड क्राइम ब्रांच के डकैती विरोधी दस्ते की सफलता 
पिंपरी। डाका डालने के लिए आये एक गिरोह की कार का पीछा करते हुए दो डकैतों को दबोचने में पिंपरी चिंचवड पुलिस की क्राइम ब्रांच के डकैती विरोधी दस्ते को सफलता मिली है। उनके दो साथी भाग निकले हैं, उनकी खोजबीन जारी है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से 4 कार, 4 दुचाकी, 17 तोला सोना, एक किलो चांदी, तीन टीवी, नकदी और सेंधमारी और डकैती में इस्तेमाल किये जानेवाले हथियार व संसाधन आदि कुल 30 लाख 600 रुपए का माल बरामद किया गया है। इस कार्रवाई से कुल 21 वारदातें उजागर हुई हैं। डकैती विरोधी दस्ते की इस उपलब्धि के लिए पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने 50 हजार रुपए के पुरस्कार की घोषणा की है।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम सुरजितसिंह राजपालसिंह टाक (32), जितसिंह राजपालसिंह टाक (26, दोनों निवासी बिराजदारनगर, हडपसर, पुणे) है।पुलिस आयुक्त ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि, सुरजितसिंह टाक के खिलाफ पिंपरी चिंचवड़ और पुणे के विभिन्न पुलिस थानों में डकैती की कोशिश, सेंधमारी, वाहनचोरी के 25 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं जितसिंह टाक के खिलाफ कुल 23 मामले दर्ज हैं। उनके एक साथी सनी सिंह दुधानी को पुणे पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य दो साथी फरार हैं। ये सभी एक दूसरे के रिश्तेदार हैं। इस कार्रवाई से पिंपरी-चिंचवड शहर में सेंधमारी और वाहनचोरी क 17, पुणे शहर में वाहनचोरी और पुणे ग्रामीण में वाहनचोरी दो-दो कुल 21 मामले उजागर हुए हैं।
कैसे पकड़े गए डकैत
पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने बताया कि डकैती विरोधी दस्ते के पुलिस उपनिरीक्षक मंगेश भांगे को मुखबिर से हडपसर से एक शातिर डकैतों का गिरोह भोसरी में डाका डालने के लिए आने की खबर मिली। इसके अनुसार तीन टीम गठित कर जाल बिछाया गया। एक संदिग्ध कार नजर आने पर पुलिस सतर्क हुई लेकिन पुलिस को देखकर वो भागने लगे। पुलिस ने उनका पीछा किया और दो लोगों को दबोच लिया जबकि अन्य तीन अंधेरे का लाभ उठाकर कार छोड़कर भाग निकले। कार की तलाशी लेने पर उसमें डकैती और सेंधमारी के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले साधन और हथियार मिले। उक्त दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे इंद्रायणीनगर, भोसरी की वैष्णोमाता कालोनी में डकैती करने के लिए हड़पसर से आये थे। उनके पास से एक तवेरा, दो मारुती अल्टो कार, एक स्विफ्ट डिझायर कार, एक मारुती जेन कार, एक होंडा स्प्लेंडर, एक बजाज पल्सर, एक बजाज डिस्कव्हर, एक होंडा ऍक्टिवा स्कूटर कुल 9 वाहन, 17 तोला सोने के जेवर, एक किलो चांदी के जेवर, तीन टीवी, नकदी आदि कुल 30 लाख 600 रुपए का माल बरामद किया गया।
कैसे देते थे वारदातों को अंजाम
इस गैंग के सदस्य चारपहिया वाहन चुराकर उसे सार्वजनिक पार्किंग या झाड़ियों में पार्क कर देते थे। कुछ दिन बाद दोपहिया वाहन चुराकर चारपहिया वाहन पार्क की गई जगह तक आकर दोपहिया छोड़कर चारपहिया वाहन से डकैती या सेंधमारी की वारदात को अंजाम देते। इस कामयाबी के लिए डकैती विरोधी दस्ते को 50 हजार रुपए पुरस्कार की घोषणा करते हुए पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने कहा कि, अदालत सेंधमारी की वारदातों को गंभीर अपराध नहीं मानती इसलिए आरोपितों को तुरंत जमानत मिल जाती है। जमानत मिलने के बाद ये आरोपी फिर से चोरी, डकैती, सेंधमारी जैसी वारदातें करते हैं। इसे ध्यान में लेकर इन आरोपियों के खिलाफ जिन- जिन पुलिस थानों में मामले दर्ज हैं, वहां की पुलिस को इसकी सूचना देकर उन्हें हिरासत में लेने को कहा जायेगा, ताकि आरोपियों को ज्यादा से ज्यादा सजा मिले। बहरहाल इस पूरी कार्रवाई के लिए डकैती विरोधी दस्ते के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक उत्तम तांगडे, तकनीकी विश्लेषण विभाग के पुलिस निरीक्षक संजय तृंगार, उपनिरीक्षक मंगेश भांगे, कर्मचारी महेश खांडे, राजेंद्र शिंदे, उमेश पुलगम, राहुल खारगे, विक्रांत गायकवाड, नितीन लोखंडे, आशिष बनकर, सागर शेडगे, प्रवीण माने, राजेश कौशल्ये, गणेश कोकणे, संतोष सपकाल, औदुंबर रोंगे, राजेंद्र शेटे, नागेश माली के समावेश वाली टीम को उन्होंने बधाइयां दी है।