पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन
चार दिन पहले मानसून की पहली ही दमदार व तूफानी बारिश ने पिंपरी चिंचवड़ शहर के जनजीवन को खासे तौर पर प्रभावित किया। इस पहली ही बारिश ने पिंपरी चिंचवड़ मनपा के आपातकाल से निपटने के लिए की गई तैयारियों की पोलखोल कर दी है। थेरगांव में आपातकाल जैसे हालात निर्माण हुए थे। इसके लिए मनपा के दो डिप्टी इंजीनियरों को जिम्मेदार ठहराकर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
किशोर सोपान महाजन और विजयकुमार चन्द्रभान काले ऐसे निलंबित किये गए डिप्टी इंजीनियरों के नाम हैं। इनमें से महाजन ग क्षेत्रीय कार्यालय के जलापूर्ति और जल निःसारन विभाग और काले इसी क्षेत्रीय कार्यालय के स्थापत्य विभाग में कार्यरत हैं। अपने कर्तव्य में कसूर रखने के अलावा ये दोनों भी दूसरे दिन मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर द्वारा बुलाई गई आपदा प्रबंधन की ब्यौरा बैठक में भी उपस्थित नहीं रहे। इसे गंभीर मामला बताकर मनपा आयुक्त ने दोनों को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया।
21 जून को इस साल बारिश के मौसम की पहली ही दमदार व तूफानी बारिश ने शहर के जनजीवन को प्रभावित किया। इस बारिश ने पिंपरी चिंचवड़ मनपा और महावितरण (बिजली विभाग) की पोलखोल कर रख दी। चहुंओर पानी, जलमग्न सड़कें, ठप्प पड़ी सिग्नल यंत्रणा, अंधेरे में डूबा शहर कुछ इस तरह का माहौल देर रात तक बना रहा। थेरगांव में मनपा के ग क्षेत्रीय कार्यालय के सामने ही कमर तक पानी भरा रहा। इसमें एक स्कूल बस फंस गई, स्थानीय लोगों ने तुरंत हरकत में आकर बस में सवार बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
थेरगांव में सड़कों के साथ- साथ झुग्गी बस्तियों, कालोनियों में लोगों के घरों में पानी जमा हो गया। सड़कों पर जलजमाव से यातायात भी देर रात तक प्रभावित रही। थेरगांव इलाके में जल निःसारन और स्थापत्य संबंधी कामकाज की जिम्मेदारी डिप्टी इंजीनियर महाजन और काले की थी। अपने कामकाज में लापरवाही बरतने के अलावा दूसरे दिन यानी 22 जून को मनपा आयुक्त द्वारा बुलाई गई आपदा प्रबंधन की ब्यौरा बैठक में भी ये दोनों उपस्थित नहीं रहे। दोनों बिना किसी पूर्व सूचना के गैर हाजिर रहे यहां तक कि मनपा द्वारा किये गए फोन का भी जवाब नहीं दिया। इसे गंभीरता से लेते हुए मनपा आयुक्त ने दोनों डिप्टी इंजीनियरों को तत्काल निलंबित कर दिया।