फडणवीस के कार्यकाल में सिंचन प्रोजेक्ट के सुधारित मंजूरी की उद्धव ठाकरे सरकार करेगी समीक्षा 

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – 2014 विधानसभा चुनाव के बाद से राज्य में सिंचन घोटाला को लेकर जमकर चर्चा हुई है. सिंचन  के मुद्दे पर भाजपा के नेता दवारा लगातार राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता अजीत पवार पर निशाना साधा जाता रहा है. सिंचन घोटाला को मुख्य मुद्दा बनाकर भाजपा ने 2014 में राज्य में सरकार बनाई थी. सत्ता आने के बाद भी पांच वर्षो तक इस मुद्दे का इस्तेमाल किया था. अब ये सिंचन प्रोजेक्ट भाजपा के लिए सिरदर्द बनेगा क्या ?  इसकी तस्वीर साफ होनी बाकी है. देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में पांच सिंचन  प्रोजेक्ट को दिए गए सुधारित प्रशासकीय मंजूरी पर फिर से समीक्षा की बात उद्धव ठाकरे ने कही है. अब इस मामले की जांच होगी।  राज्य में सरकार गठन का पेंच पैदा होने के बाद शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस ने सरकार गठन की पहल शुरू की थी. उस दौरान राष्ट्रवादी नेता और सिंचन घोटाला के आरोपी अजीत पवार ने भाजपा के देवेंद्र फडणवीस से हाथ मिलाकर सरकार बना लिया था और खुद उपमुख्यमंत्री बन गए थे.
 
6 हज़ार 144 करोड़ रुपए के पांच सिंचन प्रोजेक्ट
अब फडणवीस दवारा मंजूर किये गए सिंचन प्रोजेक्ट की फिर से समीक्षा की बात कही गई है. फडणवीस सरकार ने आखिरी मंत्रिमंडल की बैठक में 6 हज़ार 144 करोड़ रुपए के पांच सिंचन  प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. इन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा बिना जांच होगी क्या ये साफ नहीं हो पाया है. लेकिन जांच का निर्णय होने पर फडणवीस को भी जांच का सामना करना पड़ेगा।  फडणवीस के नेतृत्व में वाघुर 2288 करोड़, हतनूर 536 करोड़, वरणगांव 861 करोड़, शेलगांव के 968 करोड़ और भातसा प्रोजेक्ट का 1491 करोड़ का प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी.