नोटबंदी के बाद चार दशकों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी देश में अब

– सरकार ने दबाए रिपोर्ट

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – नए आकड़े के मुताबिक देश आज बेरोजगारी से जूझ रहा है। नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस के आंकड़ों के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही, जो पिछले 45 वर्षों के दौरान उच्चतम स्तर है। इस रिपोर्ट को नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन ने सरकार को पिछले साल दिसंबर में सौंप दी थी, लेकिन सरकार ने इन आंकड़ों को अभी तक जारी नहीं किया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने आंकड़े जारी नहीं किए जिस कारण एनएससी के दो सदस्यों ने इस सप्ताह इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वालों में कमीशन के एक्टिंग चेयरमैन भी शामिल थे। इस रिपोर्ट के खुलासे से सरकार की परेशानी और बढ़ सकती है। हालांकि पहले से बेरोजगारी को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है। मोदी सरकार में एनएसएसओ की यह पहली रिपोर्ट है, जिसमें नोटबंदी के बाद देश में रोजगार की कमी और नोटबंदी के कारण लोगों की नौकरी जाने का जिक्र है। इस सैम्पल सर्वे में जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 तक के आंकड़े लिए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बेरोजगारी दर 1972-73 के बाद अब सबसे ज्यादा है। सर्वे के अनुसार यूपीए सरकार 2011-12 में बेरोजगारी दर 2.2 प्रतिशत पर थी। युवाओं की बेरोजगारी दर पिछले वर्षों की तुलना में उच्च स्तर पर है और कुल जनसंख्या की तुलना में यह सबसे अधिक बताई जा रही है।