पुणे यूनिवर्सिटी ने दिये डीएसके पर आधारित पाठ्यक्रम को हटाने के आदेश

पुणे। समाचार ऑनलाइन
निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के मामले में जेल की हवा खा रहे पुणे के मशहूर बिल्डर और उद्योगपति डीएसके (डीएस कुलकर्णी) पर आधारित पाठ्यक्रम को अब हटा लिया जायेगा। क्योंकि सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी ने यूनिवर्सिटी के वाणिज्य विभाग के पाठ्यक्रम में शामिल ‘वास्तु उद्योग के अग्रणी डीएस कुलकर्णी’ शीर्षक वाला पाठ हटाने के आदेश दिए हैं। यह पुस्तक 15 जून 2013 को प्रकाशित की गई है। डीएसके गबन के मामले में गिरफ्तार हैं तब विद्यार्थी उनके पाठ से क्या सबक लेंगे? यह सवाल खड़ा होने से यह फैसला किया गया है।

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विद्यार्थियों को समाज के आदर्श उद्यमियों, व्यक्तिओं के सफलता की कहानी से सबक मिले, इसके लिए पाठ्यक्रमों में उनकी जीवनी पर आधारित पाठ शामिल किए जाते हैं। इसमें डीएसके की जीवनी पर आधारित एक पाठ भी शामिल है। पुणे यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम में डीएसके के पाठ पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक हेमन्त टकले ने कड़ी आपत्ति जताई थी। निवेशकों के पैसों के गबन के मामले में डीएसके फिलहाल येरवडा जेल में हैं। उनपर आधारित पाठ से विद्यार्थी वर्ग क्या सबक लेंगे? यह सवाल उठाया जा रहा था। इसके अनुसार पुणे यूनिवर्सिटी ने यह पाठ हटाने के आदेश दिए हैं।
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ज्ञात हो कि, डीएसके के खिलाफ निवेशकों के 2043 करोड़ रुपए के गबन का आरोप है। उनके खिलाफ 36 हजार 875 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है। इस मामले में डीएसके और उनकी पत्नी हेमंती कुलकर्णी को 17 फरवरी को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल दोनों भी न्यायिक हिरासत में येरवडा जेल भेजे गए हैं। गबन के इस मामले में डीएसके के भाई के दामाद केदार वांजपे, उनकी पत्नी सई वांजपे, डीएसके कंपनी के सीईओ धनंजय पाचपोर को भी गिरफ्तार किया गया है। केदार डीएसके कंपनी के प्रबंधकीय निदेशक है। ड्रीम सिटी के अधिग्रहण में उनकी अहम भूमिका रही। इसके बाद डीएसके की साली को भी गिरफ्तार किया गया।

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