उपचुनाव की वोटिंग जारी, काफी कुछ तय करेंगे नतीजे

लखनऊ/पालघर: लोकसभा की चार और विधानसभा की 10 सीटों पर आज कड़ीसुरक्षा के बीच उपचुनाव हो रहा है। सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव है।  इसी के साथ ही बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल, नागालैंड और महाराष्ट्र के पालघर, गोंदिया सहित कुछ सीटों पर मतदान हो रहा है। इसके परिणाम 31 मई को आएंगे। कैराना उपचुनाव में भाजपा का मुकालबा संयुक्त विपक्ष से है। यहाँ ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें भी आ रही हैं। विपक्ष ने हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण के दौरान अपनी एकजुटता का प्रदर्शन भी किया था। कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा का उपचुनाव 2019 के आम चुनाव से पहले प्रदेश में संभवत: आखिरी उपचुनाव है। फिलहाल, कैराना में जाट चुनाव में बड़ी भूमिका निभाएंगे। उधर पालघर में भाजपा और शिवसेना के बीच टक्कर है। पालघर सीट सांसद चिंतामण वनगा के 30 अप्रैल, 2018 को निधन के चलते खाली हुई थी। वनगा को 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पालघर से उम्मीदवार बनाया, मगर उन्हें 13 हजार वोटों से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। बहुजन विकास अघाड़ी के प्रत्याशी बलिराम जाधव के उन्हें हराया था। 2014 की मोदी लहर में वह इसी सीट से संसद पहुँचने में कामयाब रहे। इस बार उन्होंने बलिराम को तकरीबन डेढ़ लाख वोटों से हराया। अब भाजपा इस सीट पर पुन: कब्ज़ा चाहती है।

वर्चस्व की लड़ाई
कैराना की बार करें तो भाजपा मानती है कि ये कभी भी उसकी परंपरागत सीट नहीं रही है। सीधी लड़ाई में जातीय समीकरण उसके पक्ष में नहीं हैं। मोदी लहर में बने माहौल में हुकुम सिंह करीब 16 साल बाद इस सीट को भाजपा के लिए जीत पाए थे।   कैराना का नतीजा मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के एक हफ्ते के भीतर आएगा इसलिए सीएम योगी आदित्यनाथ की सभाओं, प्रदेश व केंद्र के 20 से ज्यादा मंत्रियों की जुटान, कई विधायकों-सांसदों की थकान के बाद भी इस नतीजे के तार सीधे मोदी सरकार के कामकाज से जोड़े जाएंगे। कुल मिलाकर कहा जाए तो इन उपचुनावों के नतीजे काफी कुछ तय करेंगे। खासकर महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के लिए यह वर्चस्व की लड़ाई की तरह है और अब देखने वाली बात होगी कि इस लड़ाई में जीत किसकी होती है।