किसानों की चेतावनी: मांगें नहीं मानीं तो मंत्रालय के सामने मुफ्त दूध बांटेंगे

पुणे समाचार

सरकार की वादाखिलाफी से किसान एक बार फिर नाराज़ हो गए हैं। महाराष्ट्र राज्य किसान सभा के महासचिव अजीत नवले का कहना है कि राज्यव्यापी किसान हड़ताल के दौरान सरकार ने दूध के अच्छे भाव देने की घोषणा की थी, लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया। किसानों को अब तक दूध का सही भाव नहीं मिला है। सरकार की घोषणा के अनुसार राज्य भर में दूध के 27 रुपए प्रति लीटर दाम मिलने चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार की इस वादाखिलाफी के विरोध में मुफ्त दूध बांटने का आंदोलन शुरू किया गया है। यदि शासन ने हमारी मांग नहीं मानीं तो राज्यभर के किसान मंत्रालय के सामने मुफ्त में दूध बांटकर विरोध जताएंगे।

नवले ने पुणे में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा, “इस आंदोलन के चौथे दिन दूध उत्पादक किसान तहसीलदार कार्यालय, जिलाधिकारी कार्यालय में मुफ्त दूध बांटकर किसानों की व्यथा सरकार तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। साथ ही भाजपा के मंत्री और सांसदों को दूध पिलाने का आमंत्रण दिया जाएगा। यदि सरकार ने इस आंदोलन की अनदेखी की तो मंत्रालय के सामने मुफ्त दूध बांटा जाएगा।

तय होगी दिशा

मंत्रालय के सामने किए जाने वाले आंदोलन की तैयारी के लिए पुणे, सातारा, सांगली, कोल्हापुर, सोलापुर, औरंगाबाद, बीड, परभणी इन जिलों में संघर्ष समिति का व्यापक दौरा आयोजित किया गया है। राज्यभर के दूध उत्पादक किसान और संगठनों के नेताओं से चर्चा करके आंदोलन की दिशा तय की जाएगी।

यह हैं मांगें

नवले ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित भाव किसानों को मिले इसके लिए दूसरे राज्यों की तरह दूध उत्पादकों के खाते में सीधा अनुदान देकर निर्धारित भाव और प्रत्यत्र भाव का अंतर पूरा किया जाना चाहिए। इसके अलावा दूध उत्पादक संघर्ष समिति की मांगों को पूरा किया जाए, जिसमें दूध पाउडर निर्यात के लिए अनुदान, स्कूल पोषण आहार में दूध को शामिल करना, दुग्ध व्यवसाय से जुड़े संकट दूर के लिए वैकल्पिक दुग्ध नीति स्वीकार करना शामिल है।