“हमें आरक्षण नहीं, एट्रोसिटी कानून का संरक्षण चाहिए”; ब्राह्मण समुदाय की मांग

माढा: समाचार ऑनलाइन – मराठा आरक्षण, धनगर आरक्षण के बाद अब विधान सभा चुनावों की पृष्ठभूमि पर ब्राह्मण समुदाय के आरक्षण का मुद्दा एक अलग मुद्दे की ओर जा रहा है. माधा में, कुछ ब्राह्मण संगठनों ने मांग की है कि, ब्राह्मण आरक्षण की जगह, उन्हें एट्रोसिटी कानून का संरक्षण दिया जाए. ब्राह्मण समाज सेवा संघ द्वारा माधा में ब्राह्मण समुदाय की एक सभा का आयोजन किया था, उस दौरान यह मांग की गई है.

यहां ब्राह्मण समुदाय के प्रमुखों ने स्पष्टतौर पर कहा है कि, हमें आरक्षण की नहीं, बल्कि एट्रोसिटी कानून के संरक्षण की जररूत है. इसलिए, एक बार फिर ब्राह्मण समुदाय द्वारा अत्याचार कानून के संरक्षण का मुद्दा उठाया गया है. किसी एक की वजह से  पूरे समाज को बदनाम करने के मामले सामने आते रहते हैं.इसकी रोकथाम के लिए उक्त कानून को प्रभाव में लाकर, इस तरह के मामलों से बचा जा सकता है.

महाराष्ट्र प्रदेश ब्राह्मण परिषद द्वारा ब्राह्मण समाज जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही,  इस सभा में परशुराम आर्थिक विकास निगम द्वारा समाज और राज्य के पुजारियों के लिए 5 हजार  रुपये के मानधन की मांग की गई है. परिषद की प्रदेशाध्यक्ष प्रा. मोहिनीताई पत्की द्वारा यह जानकारी दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि, राज्य की लगभग 150 पुस्तकों में ब्राह्मण समुदाय के बारे में आपत्तिजनक बातें लिख कर, उन्हें बदनाम किया गया है. समाज पुरुषों की प्रतिमा का मजाक उड़ाया जा  रहा है. इस पृष्ठभूमि पर, समाज ने मांग की है कि “समुदाय आरक्षण नहीं, संरक्षण चाहता है.”