जामिया मिलिया प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस क्या बोले 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – नागरिकता संशोधन कानून को लेकर रहा विरोध थमने का नाम  नहीं ले रहा है।  देश के कई राज्यों में हिंसा की आग फ़ैल गई है. यह आग दिल्ली तक पहुंच गई है. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई है जिसपर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर की है. सीनियर अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ये मामला लाया है.

 

कोर्ट ने हिंसा बंद करने के लिए कहा 
जयसिंह ने कोर्ट के सामने कहा कि ये मामला पुरे देश के मानवाधिकारों  के उल्लंघन का है. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि पहले ये सारा हंगामा रुकना चाहिए इसके बाद इस पर संज्ञान लिया जाएगा।  उन्होंने कहा कि जब मामला शांत हो जाएगा, तब हम फैसला लेंगे। अभी कोई फैसला ले ऐसा फ्रेम ऑफ़ माइंड नहीं है. पहले दंगा खत्म होना चाहिए। पहले माहौल शांत होना चाहिए। इसके बाद हम खुद संज्ञान लेंगे। हम अधिकारों और शांतिपूर्वक प्रदर्शन के खिलाफ नहीं है.  इंदिरा जयसिंह ने यह मामला सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज को सौंपने की मांग की. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम नहीं देखना चाहते। अगर पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना जारी रहा  और हिंसा होती रही तो हम इस पर सुनवाई नहीं करेंगे।  इसके बाद वकीलों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख तय कर दी.

 

पुलिस यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसी थी 
बताया जाता है नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे छात्रों के प्रदर्शन को रोकने के लिए 15 दिसंबर को पुलिस यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसी थी. छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ और आंसूगैस के गोले छोड़े गए.  पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन करने वालों ने पुलिस पर पथरबाजी की थी. डीटीसी बसों में आग लगाई गई. तोड़-फोड़ की गई और हिंसक प्रदर्शन किये गए.