पेट्रोल 95 रुपए प्रति लीटर होने के बाद ही कदम उठाएगी सरकार!

नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। 14 मई के बाद से अब तक पेट्रोल 3.50 रुपए और डीजल पर 2.96 रुपए महंगा हो चुका है। सोमवार को भी यह सिलसिला बरक़रार रहा। दिल्ली में अब पेट्रोल रिकॉर्ड ऊंचाई 78.27 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। वहीं डीजल के दाम 69.17 रुपए प्रति लीटर हैं। देश में सबसे महंगा पेट्रोल मुंबई में मिल रहा है। यहाँ पेट्रोल की कीमतें 86.06 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई हैं। जबकि डीजल के दाम 73.64 रुपए प्रति लीटर हैं। ऐसा तब है जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में नरमी बनी हुई है और रुपया भी मजबूती हासिल कर रहा है। कीमतों में इजाफे के पीछे कंपनियां इन्हीं दो बातों को आधार बनाती हैं, ऐसे में यह सवाल उठाना लाजमी है कि आखिर अब दाम क्यों बढ़ाये जा रहे हैं?

महज स्टंट था
सूत्रों की अगर मानें तो कच्चे तेल के दाम और कम होने पर भी आपको हाल फ़िलहाल राहत मिलने वाली नहीं है। बीते दिनों सरकार ने कीमतों को लेकर संवेदनशील बनने की जो कोशिशें की थीं, वह महज एक स्टंट था जनता को दिखाने का कि सरकार को उसकी चिंता है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, कंपनियों को 90 से 95 रुपए प्रति लीटर तक दाम ले जाने की छूट मिली हुई है। हालांकि उन्हें यह हिदायत भी दी गई है कि बढ़ोत्तरी की रफ़्तार धीमी रखी जाए, ताकि एकदम से लोगों का गुस्सा न भड़के।

ये है रणनीति
सूत्र बनाते हैं कि जब पेट्रोल के दाम 90 का आंकड़ा पार कर लेंगे तब सरकार हस्तक्षेप करेगी। सरकार टैक्स का दायरा ढीला करने के साथ ही कीमतों पर कैप लगाएगी। सरकार की इस कवायद से पेट्रोल और डीजल के दामों में दो से चार रुपए की कमी आएगी, लेकिन कंपनियां फिर भी फायदे में रहेंगी। ख़बरों के अनुसार, यह रणनीति इसलिए तैयार की गई है कि दबाव में दाम घटाने के बावजूद कंपनियां जिस स्तर पर दाम ले जाना चाहती हैं, उसे वह हासिल कर सकें। ऐसा करके सरकार यह भी दर्शा देगी कि वो संवेदनशील है और तेल कंपनियों के साथ-साथ उसकी तिजोरी भी भर जाएगी।

सस्ता हो रहा कच्चा तेल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आ रही है। सोमवार को ब्रेंट क्रूड 75 डॉलर प्रति बैरल के नीचे आ गया, जबकि नायमैक्स क्रूड 66 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है। बावजूद सरकार और तेल कम्पनियाँ ख़ामोशी से दाम बढ़ाये जा रहे हैं। लगातार बढ़ती कीमतों से महंगाई पर दबाव बना हुआ है, मई में महंगाई दर काफी ऊंची रह सकती है।