भारत-बांग्लादेश सीमा पर जब मिलते हैं बिछड़े दिल, तो नम हो जाती हैं आंखें

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – भारत-बांग्लादेश की सीमा का नजारा भारत-पाकिस्तान सीमा से बिल्कुल अलग है। यहां बॉर्डर पर हर दिन दोनों देशों के जवान परेड करते हैं। इस परेड में भी जोशखरोश होता है,लेकिन सबकुछ दोस्ताना माहौल में होता है। भारत-बांग्लादेश सीमा पर बांग्लादेश का एक जिला है ठाकुरगांव। यहां दोनों देशों की पांच किमी लंबी सीमा के दोनों ओर भारी भीड़ जमा होती है।

इसकी वजह यह है कि देश के विभाजन के बाद कई परिवार ऐसे थे जिनके कुछ रिश्तेदार सरहद के इसपार और कुछ उसपार रह गए। बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाने के लिए यहां साल में एकदिन मेला लगता है। पथरकली मेले के नाम से मशहूर इस मेले में दोनों देशों के वह लोग एकत्रित होते हैं जो किसी कारणवश एक दूसरे से मिल नहीं पाते हैं। सुरक्षा बल हर साल पथरकली मेले पर खासकर ऐसे लोगों को उनके संबंधियों से मिलने की इजाजत देते हैं, जो कानूनी रूप से यात्रा कर वहां जाने का खर्च नहीं उठा सकते।

हरिपुर पुलिस ने बताया कि दोनों देशों के लोगों ने एक-दूसरे से बातचीत करते है। उनके सुख-दुख साझा करते है। इस मौके पर सरहद के दोनों तरफ उत्सव का माहौल रहता है, लोग अपनों को देखकर कई बार भावुक भी हो जाते हैं। अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए लोग अपनी तरफ से खाने का सामान, कपड़े और अन्य चीजें उपहार स्वरूप देते हैं।