पोर्ट में बताया गया- जलवायु परिवर्तन और युद्ध से हालात के कारण विश्व में कुपोषण और भूखमरी की समस्या बढ़ी है। यूएन ने लक्ष्य रखा है कि 2030 तक इस समस्या को पूरी तरह खत्म किया जाए ताकि लोगों का शारीरिक-मानसिक विकास हो। विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख डेविड बैसली के मुताबिक- हम 2030 तक शून्य भूखमरी का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते। यह मुश्किल है।
बगैर खाद्य सुरक्षा के दुनिया में शांति नहीं हो सकती डेविड के अनुसार- मीडिया भूख से मरने वाले बच्चों की तुलना में ब्रेक्सिट और डोनाल्ड ट्रम्प के बारे में ज्यादा बात करती है। यह एक गलत दौर चल पड़ा है। बगैर खाद्य सुरक्षा के हम दुनिया में शांति और स्थायित्व कायम नहीं कर सकते। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा की स्थिति कुपोषण के कारण बहुत खराब है। अच्छी अर्थव्यवस्था और सामाजिक योजनाओं के बगैर इसे खत्म नहीं किया जा सकता।
एशिया में 12% लोग कुपोषण से ग्रस्तअफ्रीकी देशों में कुल जनसंख्या के लगभग 20% लोग कुपोषण से ग्रस्त हैं। वहीं एशिया में यह 12% है। अगर लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों की बात करें, तो यहां कुल जनसंख्या के 7% लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। उत्तर अमेरिका और यूरोप में 8% लोग कुपोषण से ग्रस्त हैं। एफएओ के अधिकारी ने कहा- इस समस्या को दूर करने के लिए सभी देशों को मजबूत नीतियां बनानी होंगी।