मुंबई: समाचार ऑनलाइन- महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक नाटकीय बदलाव देखने को मिला. कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना सरकार ने सोचा था कि वे राज्य में सरकार का गठन करेंगे, लेकिन एनसीपी नेता अजीत पवार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरते हुए भाजपा से हाथ मिला लिया. देवेंद्र फड़नवीस ने एक बार फिर राजभवन में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है, जबकि अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. महाराष्ट्र में इस अप्रत्याशित राजनीतिक घटना ने महाराष्ट्र के लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है, जबकि शिवसेना को एक बड़ा झटका लगा है. इन सभी राजनैतिक घटनाक्रमों पर प्रतिक्रिया देते हुए, संजय राउत ने कहा कि, अजीत पवार और उनके साथी विधायकों ने छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र को अंधेरे में छोड़ दिया है. ऐसे विद्रोही विधायकों को सड़कों पर घूमने नहीं देंगे.
संजय राउत ने कहा कि, “अजीत पवार की बॉडी लैंग्वेज़ संदेहास्पद थी. लेकिन इन सभी घटनाक्रमों से शरद पवार का कोई लेना-देना नहीं है, मैं यह दावा कर सकता हूं. अजीत पवार ने शरद पवार के साथ-साथ पूरे महाराष्ट्र को धोखा दिया है. अजीत पवार और उनके साथी विधायकों छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र को अँधेरे में ढकेला है. ऐसे विधायकों को रास्तों पर घूमने नहीं देंगे.
देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार के क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद, NCP के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने एक ट्वीट किया था. इसमें शरद पवार ने कहा कि, अजीत पवार का यह फैसला एक व्यक्तिगत है और यह निर्णय एनसीपी द्वारा समर्थित नहीं है.
देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले, महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन आज सुबह 5.47 बजे समाप्त हो गया है. अजीत पवार के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एनसीपी के 15 विधायक मौजूद थे.
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