भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शरद पवार ठाकरे भाइयों को एक साथ लाएंगे ?

मुंबई, 6 नवंबर – विधानसभा चुनाव के नतीजे आये 12 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक सरकार गठन का पेंच फंसा हुआ है. शिवसेना ढाई वर्ष मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है जबकि भाजपा मुख्यमंत्री और मुख्य मंत्रालय छोड़ने को तैयार नहीं है. राज्य में चल रहे राजनीतिक उलझनों के बीच अब राज्य की राजनीति को नया रूप देने का खेल शरद पवार दवारा खेले जाने की चर्चा हो रही है.

उद्धव ने शरद पवार से फ़ोन पर बात  की 
बताया जा रहा है कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शरद पवार उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को एक साथ लाने का प्रयास कर रहे है. पिछले कई दिनों के घटनाक्रम को देखे तो इस चर्चा को बल मिल रहा है. उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने राज्य के अकाल को लेकर एक दूसरे से फ़ोन पर बात की है. इसके साथ ही मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने शरद पवार के घर जाकर उनसे मुलाकात की.

राज ठाकरे के खास शरद पवार से मिल चुके है 
इन सब के बीच शिवसेना नेता संजय राऊत पहले ही दो बार शरद पवार से मिल चुके है. वही दूसरी तरफ राज ठाकरे के विश्वासपात्र संदीप देशपांडे ने हाल ही में शरद पवार से मुलाकात की. इन सारे घटनाक्रम को देखे तो ठाकरे भाइयों के बीच की दुरी को दूर करने के लिए शरद पवार लिंक बन गए हैं. दोनों भाइयों को एक साथ लाने के लिए शरद पवार के सक्रिय होने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है.

समर्थन देने का अधिकार शरद पवार के पास 
शिवसेना को मजबूत करने को लेकर दोनों कांग्रेस में मतभेद होने के बावजूद इसका सर्वाधिकार शरद पवार के पास है. ऐसे में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए राष्ट्रवादी और कांग्रेस शिवसेना को समर्थन दे सकते हैं. इसके मद्देनज़र शरद पवार ने सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की.  शिवसेना को समर्थन देना है या नहीं इसका अधिकार सोनिया गांधी ने शरद पवार को दिया है.