गिरीश बापट के सांसद चुने जाने के साथ ही पालकमंत्री पद को लेकर लॉबिंग शुरू

पुुुणे : समाचार ऑनलाईन – पालकमंत्री गिरीश बापट के सांसद चुने जाने की वजह से रिक्त होने वाली मंत्री पदों को हासिल करने के लिए जिले के विधायकों ने फील्डिंग शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ छह महीने बाकी हैं। अब यह कमान स्थानीय विधायकों को सौंपी जाएगी या बाहर के किसी दिग्गज नेता को? यह जानने के लिए सभी उत्सुक हैं।

सांसद चुने जाने के बाद पालकमंत्री गिरीश बापट ने विधायक एवं विभिन्न विभागों के मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। इस वजह से पालकमंत्री तथा संसदीय कार्य व खाद्य आपूर्ति मंत्री पद रिक्त हो जाएगा। पुणे जिले में महायुति का दबदबा होने से 15 विधायक हैं। उनमें से गिरीश बापट कैबिनेट मंत्री हैं। यहां दिलीप कांबले एवं विजय शिवतारे को राज्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये दोनों हिंगोली एवं सातारा जिलों के पालकमंत्री हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को दृष्टि में रखते हुए कुछ महीनों के लिए शेष 12 में से किसी एक विधायक को पालकमंत्री पद दिया जा सकता है।

केंद्र एवं राज्य के साथ बीजेपी दो साल पहले मनपा चुनाव में पुणे एवं  पिंपरी-चिंचवड़ मनपाओं में भी सत्तारूढ़ हो चुकी है। पूरे शहर में पिछले कई सालों से बीजेपी का दबदबा है। पुणे की तुलना में पिंपरी-चिंचवड़ में बीजेपी इतनी सशक्त नहीं थी, मगर पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी में शामिल हुए विधायक लक्ष्मण जगताप ने चिंचवड़ क्षेत्र में पार्टी को सशक्त  बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। फिलहाल वे बीजेपी के पिंपरी-चिंचवड़ शहराध्यक्ष हैं। महायुति के प्रत्याशी श्रीरंग बारणे को विजयी बनाने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है।

पिंपरी-चिंचवड़ परिसर में बीजेपी के संगठन को मजबूती देने तथा राजनैतिक मुद्दों को हल करने वाले लक्ष्मण जगताप को पालकमंत्री बनाए जाने की संभावना है। दूसरी तरफ पुणे में आठ विधायक हैं। उनमें से माधुरी मिसाल एवं भीमराव तापकीर दूसरी बार चुनाव जीते हैं। जिले के मावल सीट पर विधायक बाला भेगड़े की भी यह दूसरी टर्म है। इनमें से किसी को अवसर दिए जाने पर विधानसभा चुनाव में पार्टी में लाभ  पहुंचेगा। मगर सीमित समय के लिए दिए जाने वाले मंत्री पद को लेकर कोई भारी विवाद न हो, इसके लिए जिले से बाहर वाले किसी बड़े मंत्री को ही यह अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।