दंबग महिला पुलिस कर्मचारी ने कंधे पर लाद बच्चों को पानी से बाहर निकाला

पुणे | समाचार ऑनलाइन
पुणे में गुरुवार की सुबह अचानक बाढ़ की स्थिती पैदा हो गई थी, खडकवासला बांध का कालवा नहर अचानक फूट जाने की वजह से सिंहगड रोड, दांडेकर पुल और आसपास के परिसर में बाढ़ जैसी परिस्थिती पैदा हो गई थी। ऐसे में दत्तवाडी पुलिस स्टेशन की महिला पुलिस कॉन्सटेबल नीलम गायकवाड की बहादुरी देखते ही बनती थी। झोपड़पट्टी और सड़कों में पानी भर जाने की वजह से जनजीवन बुरी तरह से अस्तव्यस्त हुआ था।
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महिला पुलिस कॉन्सटेबल नीलम गायकवाड ने पुणे समाचार की प्रतिनिधी को बताया कि हमें 10.30 बजे के करीब नागरिकों द्वारा कॉल आया कि पानी की पाइप लाइन फूट गई है। उस वक्त मुझे लगा कि मामूली सी घटना होगी। जब मैं घटनास्थल पर पहुंची तो कालवा नहर फूट जाने की वजह से सिंहगड रोड, दांडेकर पुल और आसपास का इलाका पूरा पानी पानी हो गया था। सब तरह पानी भर जाने की वजह से स्थिती नियंत्रण में नहीं थी। घुटनों तक पानी बह रहा था और तेज बहते पानी में कुछ परिवार फंसा हुआ था। इन परिवार को बचाने के लिए पुलिस और स्थानिक नागरिक जुटे हुए थे। मैंने भी इस दौरान सात से आठ नागरिकों को सुरक्षित स्थान में लाकर छोड़ा था।
सिंहगड रोड में घुटनों तक पानी भरे होने की किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। हमें लगा था कि सामान्य स्थिती होगी। लोगों को पानी में बुरे तरह से फंसे होते हुए देख मैंने तुरंत रस्सी के सहारे से छोटे बच्चों को अपने कंधे पर लदाकर दूसरी ओर सुरक्षित जगह पर छोड़ा। साथ ही कुछ बुजुर्ग महिला और पुरुष को भी वहां से बाहर निकाला। इस दौरान मैं अकेली महिला पुलिस कर्मचारी उपस्थित थी, जब यह रेस्क्यू अभियान चल रहा था। बाद में मदद के लिए और भी पुलिस बल मदद के लिए बुलाया गया था।
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इस तरह की परिस्थिति में लोगों खतरे से बाहर निकालना ही मेरा पहला कर्तव्य था, ड्युटी पर जब हम तैनात होते हैं तो कैसी भी तरह की परिस्थिती हो हम अपने कर्तव्य को ही प्राथमिकता देते हैं। परिसर में पानी भरे होने की वजह से लोगों के हाल काफी बेहाल थे। बच्चे भी पानी में बुरी तरह से फंसे हुए थे। ऐसे में बच्चों और बुजुर्ग को इस आपदा से बाहर निकालने के लिए मुझे जो बन पड़ा, मैंने किया।
पुलिस विभाग में ड्युटी करते हुए नीलम गायकवाड को सात साल हो गए हैं, उन्होंने बताया कि पुणे में इस तरह की घटना देखकर में स्तब्ध हो गई थी। पुणे काफी सुरक्षित स्थान माना जाता है। पुणे में बाढ़ जैसी स्थिती पैदा होने के दौरान नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते ही मैंने यह रेस्क्यू कार्य किया। पुलिस विभाग की ड्युटी करते समय हमें बहुत सी चुनौतियां का सामना करना पड़ता है। स्थानिक नागरिकों के सहयोग से ही हम यह रेस्क्यू कार्य करने में सफल रहे।