महिला सशक्तिकरण: मोदी सरकार ने किसान महिलाओं की आमदनी दोगुनी करने के लिए उठाया ‘यह’ कदम, जानें  

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- हमारा देश कृषि प्रधान माना जाता है. देश में हर कहीं जो खेत लहलहाते नजर आते हैं, उन्हें देश के किसान परिवार की महिलाएं ठीक उसी तरह से अपने पसीने से सींचती हैं, जैसे पुरुष किसान. लेकिन खेती को समृद्ध बनाने में कहीं से कहीं उनका नाम नहीं आता. आपको यकीन नहीं होगा कि, आज देश में खेतिहर के रूप में कृषि में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 3.60 करोड़ है. यानी कि 30. 33 प्रतिशत, जबकि महिला कृषि श्रमिक के रूप में 6.15 करोड़ महिलाएं हैं. जो कुल कृषि मजदूरों का 42.67 प्रतिशत है. यह हम नहीं बल्कि सरकार द्वारा जारी किए आंकडें सच्चाई बयाँ कर रहे हैं.

महिलाओं की कृषि में इतनी बड़ी भागीदारी को देखते हुए और उन्हें अधिकार संपन्न बनाने के लिए मोदी सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण योजना लेकर आ रही है. सरकार, कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के जरिए इन महिलाओं को कृषि की मुख्य धारा में लाने और इससे उनकी आमदनी दोगुना करने की ओर काम करेगी.

जानिए कैसे…
(1) कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग की विभिन्न प्रमुख लाभान्वित योजनाओं के अंतर्गत 30 प्रतिशत निधि का निर्धारण सिर्फ महिलाओं के लिए किया जाएगा.

(2) यही नहीं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत महिला किसानों को कृषि विकास संबंधी ट्रेनिंग भी दी जाएगी.

किसान महिलाओं के लिए महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना भी शुरू
सरकार ने देश में महिला किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP) की शुरूआत भी की गई थी. इस योजना के तहत जुलाई तक लगभग 36 लाख महिलाएं इस स्कीम से जुड़ चुकी थीं.

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