आरक्षण मिलने तक महिलाओं का राजनीति में प्रतिनिधित्व नहीं बढ़ेगा : सांसद सुष्मिता देव

पुणे : समाचार ऑनलाइन – महिला-मतदान का औसत बढ़ने से महिला वोट बैंक महत्वपूर्ण है. महिला मतदाता किसे वोट देते हैं? इसे काफी महत्व प्राप्त होने लगा है. उन्हें जोड़ने का लक्ष्य सामने रखकर विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं. महिला आरक्षण विधेयक को समर्थन देने का फैसला पार्टी ने लिया है. पार्टी द्वारा टिकटों के बंटवारे के समय महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. जब तक महिला आरक्षण पर अमल नहीं होता, तब तक महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं बढ़ेगा. यह प्रतिपादन महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सांसद सुश्मिता देव ने सोमवार को पत्रकार-वार्ता में किया.
कांग्रेस भवन में आयोजित इस पत्रकार-वार्ता में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सचिव सोनल पटेल, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्षा चारुलता टोकस, कांग्रेस शहराध्यक्ष रमेश बागवे, अभय छाजेड़, कमल व्यवहारे, शहर महिला कांग्रेस अध्यक्षा सोनाली मारणे आदि उपस्थित थे.

राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं का औसत बढ़ने की बात सामने आई है. इसके मद्देनजर आगामी लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं तक पहुंचने अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी ने कार्यक्रम तैयार किया है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तर पर दौरे, उच्चपदस्थ महिला व घरेलू कामगार महिलाओं को जोड़ने ङ्गमेरी मीताफ कार्यक्रम का आयोजन, कानून के संबंध में जागृति के लिए ङ्गहमारा हकफ कार्यक्रम, 15 से 30 वर्ष उम्र की युवतियों की समस्याओं पर चर्चा करने ङ्गप्रियदर्शनी गुटफ की स्थापना, ब्लॉक अध्यक्षों के लिए दिल्ली में प्रशिक्षण आदि कार्यक्रमों पर अमल किया जाएगा.

आगामी चुनावों के मद्देनजर नागरिकों की अपेक्षाओं की जानकारी लेने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की चुनाव घोषणा पत्र कमेटी बनाई है. इस कमेटी की सदस्या सुश्मिता देव की उपस्थिति में प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक सोमवार को हुई. इस वक्त उच्च शिक्षा, मेडिकल सेवा, सुरक्षा व काम की जगह पर होने वाले यौन शोषण आदि महिलाओं की समस्याओं पर चर्चा की गई.