17 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि योग में दिवाली पूजन, सुख-समृद्धि के लिए ‘यह’ करें

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम  दीपावली भारत का सबसे बड़ा और सबसे प्रकाशमय त्योहार है। राक्षस राज रावण (लंका के अधिपति) पर विजय प्राप्त कर, 14 साल वनवास व्यतीत करके मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, उनकी पत्नी माता सीता और उनके भाई श्री लक्ष्मण के अयोध्या वापस लौटने की खुशी व सम्मान में मनाया जाता है। यह आध्यात्मिक रूप से अंधेरे पर प्रकाश की जीत को दर्शाता है। त्योहार की तैयारी और अनुष्ठान आम तौर पर पांच दिन की अवधि में मनाए जाते हैं, लेकिन दिवाली का मुख्य त्यौहार रात के अंधेरे तथा प्रतिपदा के नये चंद्रमा की रात के साथ मनाया जाता है। देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश, भगवान कुबेर, भगवान यमराज, भगवान धनवंतरी, भगवान हनुमान, देवी काली, देवी सरस्वती, भगवान कृष्ण और दानव राजा बाली दिवाली के दौरान पूजा के सबसे प्रमुख नाम हैं।

माना जाता है, कि मां लक्ष्मी दीवाली की रात को पृथ्वी पर घूमने के लिए आतीं है। इसलिए लोग दीवाली की रात को, अपने दरवाजे और खिड़कियां मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए खुला छोड़ देते हैं। भारत के कुछ हिस्से मे दीवाली नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप मे भी मनाया जाता है। व्यापारी और दुकानदार अपने पुराने साल के खातों को बंद करते हैं, एवं लक्ष्मी जी और अन्य देवताओं के आशीर्वाद के साथ एक नया वित्त वर्ष की शुरुआत करते हैं। सिख धर्म मे लोग दिवाली को बंदी छोर दिवस के रूप में भी मनाया करते हैं, और जैन इस त्योहार को भगवान महावीर जी की स्मृति के रूप में मानते हैं

दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं। 17 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि योग में दिवाली पूजन किया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में ही लक्ष्मी-गणेश पूजन करना चाहिए। पूजा में लगाए गए दीपक में गाय के घी का इस्तेमाल करना चाहिए। जानिए दिवाली के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं-

इस दिन यह करें  
-पूजा से पहले घर की  साफ-सफाई करनी चाहिए।  फूल, आम के पत्तों और रंगोली आदि से सजाना चाहिए।
– दिवाली पूजन में गाय के घी का इस्तेमाल करना चाहिए।  ऐसा करने से मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं।
-घर के प्रवेश द्वार के दोनों ओर दीपक जलाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
-गणेश-लक्ष्मी पूजा के दौरान लाल वस्त्रों को धारण करना शुभ माना जाता है।