गलत तरीके से मामला दर्ज करने से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ी

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन

गलत तरीक़े से मामला दर्ज करने का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय में दरकार लगाए जाने से पुणे पुलिस के आला अधिकारियों की दिक्कतें बढ़ हैं। अदालत ने आला अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए हैं।

एक आपराधिक छवि के युवक ने अपनी बेटी को अगवा किया है, यह शिकायत लेकर आये अभिभावकों के शिकायत की दखल नहीं ली गई। साथ ही मामले की सुनवाई में वरिष्ठ अधिकारी मौजूद न रहे। इसे गम्भीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अधिकारियों को अदालत में पेश होने का आदेश दिया। यह पूरा मामला फरासखाना पुलिस थाने का है।

पुलिस के खिलाफ उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका के अनुसार, शिकायतकर्ता की 17 साल की बेटी 6 अप्रैल से गुमशुदा है। उसके फोन से शिकायतकर्ता के बेटे को फोन आया जिस पर एक युवक ने उसे धमकाया। उसने कहा कि वह उसकी बहन से शादी करने जा रहा है, अगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा।

शिकायतकर्ता ने फरासखाना पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। मामला दर्ज करते वक्त अगवा करने की तारीख गलत लिखी गई औऱ पुलिस ने किशोरी के प्रेम संबंध का उल्लेख किया। गलत तरीके से मामला दर्ज करने को लेकर शिकायतकर्ता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इसकी सुनवाई में जाँच अधिकारी को उपस्थित रहने के आदेश दिए गए। मगर वे उपस्थित नहीं रहे, इसे गम्भीरता से लेते हुए अदालत ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को उपस्थित रहने के आदेश दिए है।