अलगाववादी मसरत आलम ने जेल से पत्थरबाजी का नेतृत्व किया

 नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)| कट्टर अलगाववादी नेता मसरत आलम भट जम्मू एवं कश्मीर जेल से आतंकवादी संगठनों के बराबर संपर्क में था, जहां वह 2010 से कैद था। उसके बाद उसे वहां से स्थानांतरित कर दिया गया।

  राज्य में पत्थरबाजी और सुरक्षा बलों पर हमलों की साजिश रचने में उसकी प्रमुख भूमिका रही है।

 

जांचकर्ताओं ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ कहा कि आतंकी फंडिंग मामले में इस समय 14 जुलाई तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में मौजूद भट को कश्मीर घाटी में भारत विरोधी गतिविधियां संचालित करने और पत्थरबाजी के लिए हवाला के जरिए लाखों रुपये प्राप्त हुए थे।

एक जानकार सूत्र ने कहा कि एक सभ्य स्कूली बच्चे से कश्मीर का मोस्ट वांटेड अलगाववादी नेता बना 47 वर्षीय मसरत पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के कार्यकर्ताओं से अलग-अलग सूत्रों के जरिए बराबर संपर्क में था और उनके निर्देशों पर जेल से काम करता था।

सूत्र ने कहा कि भट ने जम्मू एवं कश्मीर में पत्थरबाजी के रिंगलीडर और एक साजिशकर्ता की भूमिका निभाई, जो लश्कर प्रमुख हाफिज सईद द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों के लिए भेजे गए धन का प्रबंधन करता था।

यह पूछे जाने पर कि जेल में रहते हुए भट ने घाटी में आतंकी गतिविधियों और पत्थरबाजी में कैसे प्रमुख भूमिका निभाई? सूत्र ने कहा, “आतंकी गतिविधियां संचालित करने में जेल उसके लिए कोई बाधा नहीं थी। एनआईए ने आतंकी फंडिग मामले में पूछताछ के लिए उसे दिल्ली लाने से पहले इसका सत्यापन किया था।”

यह भी सत्यापित हुआ है कि श्रीनगर के टिंडेल बिस्कोए मिशनरी स्कूल के छात्र भट का अलगाववादी नेता शब्बीर शाह, और हवाला संचालक जहूर अहमद शाह वटाली से घनिष्ठ संपर्क रहा है। शाह भी एनआईए की हिरासत में है।

सूत्र ने कहा कि भट ने सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रचने और मस्जिदों में आजादी के गीत बजवाने में प्रमुख भूमिका निभाई है।

मुस्लिम लीग जम्मू एवं कश्मीर के अध्यक्ष भट को सोमवार को जम्मू के हीरानगर जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल स्थानांतरित किया गया और एनआईए उससे आतंकी फंडिंग मामले में पूछताछ कर रही है। यह मामला मई 2017 में तब दर्ज किया गया था, जब कश्मीर घाटी में हिंसा भड़की थी।

एनआईए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से धन के लेनदेन का और पत्थरबाजी के पीछे राजनीतिक संलिप्तता तथा जम्मू एवं कश्मीर में अन्य आतंकी गतिविधियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन ने पिछले वर्ष भट के खिलाफ 37वां लोक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) लगाया था और उसे हीरा नगर जेल स्थानांतरित किया था। उसे 2010 में तब गिरफ्तार किया गया था, जब पुलिस ने उसे राज्य में 2010 के विरोध प्रदर्शनों में संलिप्त पाया।

सूत्र ने कहा कि आतंकी फंडिंग मामले में भट की संलिप्तता मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों से पूछताछ के दौरान सामने आई।

एनआईए अबतक कई अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद-उल-इस्लाम, अयाज अकबर खांडेय, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन कलवल और बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्ला शामिल हैं।