आरुषी हत्याकांड : तलवार दंपत्ति को बरी करने के मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया

नई दिल्ली : पुणे समाचार

आरुषी हत्याकांड मामले में तलवार दंपत्ति की परेशानियाँ बढ़ती नज़र आ रही है। तलवार दंपत्ति को बरी कर दिया गया था लेकिन इस मामले में अब सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है।

इलाहबाद उच्च न्यायालय ने 12 अक्टूबर 2017 को राजेश तलवार और नुपूर तलवार को उनकी बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के मामले से दोषमुक्त कर दिया था। इलाहबाद उच्च न्यायालय का कहना था कि जितने ग़वाह और सबूत पेश किए गए थे, उनके आधार पर दंपत्ति को दोषी नहीं माना जा सकता, इसलिए उन्हें हत्या के आरोप से बरी किया जाता है। इलाहबाद उच्च न्यायालय के इस फैसले के विरोध में बीते साल दिसंबर में हेमराज की पत्नी ने सर्वोच्च न्यायालय की शरण ली थी। अब सीबीआई ने भी सर्वोच्च न्यायालय को दस्तक दी है।

गाजियाबाद में सीबीआई कोर्ट ने 26 अक्टूबर 2016 को तलवार दंपत्ति को उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी। उसके बाद से इलाहबाद उच्च न्यायालय का फैसला आने तक राजेश और नुपूर तलवार गाजियाबाद की डासना जेल में सज़ा भुगत रहे थे। लेकिन बाद में इलाहबाद उच्च न्यायालय ने तलवार दंपत्ति को बरी कर दिया था। तलवार दंपत्ति की 14 वर्ष की बेटी आरुषि वर्ष 2008 में नोएडा के उनके फ्लैट में मृत पाई गई थी। उनके नौकर हेमराज का मृत शरीर भी उनके उसी घर में मिला था।