एनजीटी के चेयरपर्सन आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने बढ़ते प्रदूषण व कोरोनोवायरस संक्रमण के दोहरे खतरे को देखते हुए पटाखों के उपयोग और बिक्री के खिलाफ उपचारात्मक कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर एक आदेश पारित किया है।
आदेश में कहा गया, एनसीआर में 9-10 नवंबर की मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर से 1 दिसंबर की मध्यरात्रि तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इनके इस्तेमाल के खिलाफ पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ताकि इसके बाद की स्थिति की समीक्षा की जा सके। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, भिवानी, करनाल, सोनीपत, मेरठ, हापुड़, चरखी दादरी, पानीपत, रोहतक, जिंद, बागपत और बुलंदशहर शामिल है। हालांकि, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को घोषणा की कि लोगों को दीवाली पर दो घंटे पटाखे बेचने और फोड़ने की अनुमति है।
ये निर्देश देश के उन सभी शहरों और कस्बों पर भी लागू होंगे, जहां पिछले साल के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार नवंबर के दौरान परिवेशी वायु की गुणवत्ता का औसत खराब और इससे संबंधित सूची में आया है।
ग्रीन कोर्ट ने आगे कहा, जिन शहरों में वायु की गुणवत्ता सामान्य या इससे नीचे की श्रेणी में आया है, वहां सिर्फ ग्रीन पटाखे बेचे जाएंगे, लेकिन दीवाली, छठ, नया साल और क्रिसमस इत्यादि त्यौहारों के मौके पर इन्हें जलाने के लिए दो घंटे का समय निर्धारित किया गया है।
पीठ में शामिल न्यायिक सदस्य एस. के. सिंह और डॉ. एसएस गब्र्याल और डॉ. नागिन नंदा जैसे विशेषज्ञों ने आदेश में आगे कहा कि अगर राज्य द्वारा किसी मानक का निर्धारण नहीं किया गया है, तो बैन लगने की समयसीमा दीवाली और गुरुपर्व में रात 8 से 10 और छठ में सुबह 6 से 8 और क्रिसमस व नए साल की पूर्व में रात के 11.55 से 12.30 बजे तक निर्धारित है।
–आईएएनएस
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