कचरा घोटाले की जांच भी हुई ‘मैनेज’; न्यायिक जांच की उठी मांग

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

कचरा ट्रांसपोर्टेशन का विवादित टेंडर रदद् करने के बावजूद पिम्परी चिंचवड़ मनपा की सत्ताधारी भाजपा की दिक्कतें कहीं कम होती नजर नहीं आ रही है। इस टेंडर घोटाले की जांच पूरी कर राज्य सरकार ने इस पूरे मामले में सत्ताधारी दल व मनपा प्रशासन को ‘क्लीनचिट’ दी है। इस पर पूर्व नगरसेवक मारुति भापकर ने आरोप लगाया है कि, मनपा अधिकारियों ने राज्य सरकार के अधिकारियों को ‘मैनेज’ कर ‘क्लीनचिट’ पायी है। उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग भी की है।

भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) का स्थगिति और पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) के जांच के आदेश से विवादों में घिरा तकरीबन 450 करोड़ रुपये का कचरा ट्रांसपोर्टेशन का टेंडर रद्द कर दिया गया। स्थायी समिति की बैठक में इसका टेंडर रदद् कर नए से मनपा के 8 प्रभागों लिए अलग- अलग टेंडर जारी करने के आदेश दिए गए। घोटाले के आरोपों को सत्ताधारी भाजपा ने टेंडर रद्द कर एक तरह से स्वीकार कर लिया है। इसी को मुद्दा बनाकर पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बुधवार की रात पिम्परी चिंचवड़ मनपा के ‘कारभारी’ रहे ‘भाऊ’ व ‘दादा’ पर ‘हल्लाबोल’ किया। इसके जवाब में भाजपा के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने अपने ऊपर एक रुपये का भ्रष्टाचार साबित होता है तो राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा की। मुख्यमंत्री के आदेश से विवादित टेंडर रदद् किया गया न कि विपक्ष के दबाव या आरोपों के चलते, यह स्पष्टीकरण भी उन्होंने दिया। हालांकि उनका यह बयान भी घोटाले की बात को एक तरह से स्वीकार करने बराबर ही माना गया।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कचरा घोटाले के आरोपों की जांच के लिए राज्य सरकार के नगरविकास विभाग ने महाराष्ट्र नागरी बुनियादी सुविधा विकास कक्ष के विशेषज्ञों को आदेश दिए गए थे। स्थायी समिति द्वारा टेंडर रदद् करने का फैसला किया, यह फैसला मुख्यमंत्री के आदेश से लेने की जानकारी शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने दी। इसके ठीक दूसरे दिन सरकार ने इस मामले में सत्ताधारी दल व प्रशासन को ‘क्लीनचिट’ दे दी। कचरा ट्रांसपोर्टेशन के लिए चलाई गई टेंडर प्रक्रिया उचित ही थी, यह रिपोर्ट भी दी है। पूर्व नगरसेवक मारुति भापकर ने आरोप लगाया है कि मनपा अधिकारियों ने सरकारी अधिकारियों को ‘मैनेज’ कर ‘क्लीनचिट’ हासिल की है। यह एक तरह से पूरे घोटाले को दबाने की साजिश है। इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए यह मांग भी उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपे ज्ञापन के जरिए की है।