कचरा ट्रांसपोर्टेशन की नई टेंडर प्रक्रिया में बीतेंगे 6 माह

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

शहर के दो हिस्से कर घर घर का कचरा जमा कर मोशी कचरा डिपो तक पहुंचाने के टेंडर में घोटाले के आरोप के चलते ये टेंडर रद्द किए गए हैं। इसकी बजाय पिम्परी चिंचवड़ मनपा के आठों क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर टेंडर मंगाने का फैसला सत्ताधारी भाजपा ने किया है। इसके अनुसार अब नए से डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनानी होगी। नए से टेंडर प्रक्रिया चलाकर परोक्ष कामकाज शुरू होने में कम से कम 6 माह का समय बीतेगा। तब तक कचरा संकलन व ट्रांसपोर्टेशन के काम में बाधा न पहुंचे इसके लिए मौजूदा हालात में यह काम करने वाली संस्थाओं के ठेके की मियाद बढाई गई है।

घर घर का कचरा जमा कर मोशी कचरा डिपो तक पहुंचाने का काम दो संस्थाओं को देना तय किया गया था। इसके लिए उन्हें आठ साल हेतु सालाना 56 करोड़ रुपए का खर्च देने का फैसला किया गया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना ने इसमें घोटाले का आरोप लगाते हुए सत्ताधारी भाजपा को आरोपी के कटघरे में खड़ा कर दिया। खुद भाजपा के भी वरिष्ठ नेताओं ने इसका विरोध जताया। इस घोटाले की तपिश मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची। अंततः मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने ये टेंडर रद्द करने के आदेश दिए। टेंडर रद्द करने का फैसला ही इसमें घोटाले की बात को साबित करता है, हांलाकि सत्ताधारी दल इससे लगातार इनकार करता रहा। यहां तक कि भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने तो भ्रष्टाचार का आरोप साबित होने पर राजनीति से सन्यास लेने की चुनौती दे दी।

इस पृष्टभूमि पर मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर से पूछने पर उन्होंने बताया कि, शहर को दो हिस्सों में विभाजित कर दो संस्थाओं को कचरा संकलन व ट्रांसपोर्टेशन का ठेका दिया गया था। इसमें घोटाले का आरोप लगने के कारण ये टेंडर रद्द किये गए हैं। हांलकि राज्य सरकार द्वारा कराई गई जांच में ये टेंडर प्रक्रिया उचित तरीके से पूरी किये जाने की बात साबित हो गई है। इसकी जांच रिपोर्ट कल (बुधवार) स्थायी समिति की बैठक के समक्ष पेश की जायेगी। । नए से टेंडर प्रक्रिया चलाकर परोक्ष कामकाज शुरू होने में कम से कम 6 माह का समय बीतेगा। तब तक कचरा संकलन व ट्रांसपोर्टेशन के काम में बाधा न पहुंचे इसके लिए मौजूदा हालात में यह काम करने वाली संस्थाओं के ठेके की मियाद बढाई गई है।