कमीशनखोरी के बाद अब पीएमओ तक पहुंचा कचरा घोटाला

पीएमओ ने दिए जांच के आदेश; पिम्परी चिंचवड़ मनपा के सत्ताधारी व प्रशासन की दिक्कतें फिर बढ़ी
पिंपरी। पुणे समाचार 

सत्ता परिवर्तन के बाद पहले ही वर्ष कमीशनखोरी की शिकायत के बाद अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास कचरा घोटाले की शिकायत पहुंची है। पीएमओ ने राज्य सरकार व मनपा प्रशासन से इसका जवाब मांगा है। इससे पिम्परी चिंचवड़ मनपा की सत्ताधारी भाजपा एवं प्रशासन दोनों की दिक्कतें फिर एक बार बढ़ गयी है। ज्यादा दरों से टेंडर मंजूर किये जाने से शहर के कचरा ट्रांसपोर्टेशन का ठेका विवादों में घिरा है, विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस ने इसकी शिकायत पीएमओ से की है।

सत्ताधारी को चहुंओर से घेरने की कोशिश

पूरे शहर का कचरा जमा कर मोशी कचरा डिपो तक पहुंचाने का टेंडर सर्वाधिक दर से मंजूर किया गया है। इसपर विपक्षी दलों के साथ खुद सत्ताधारी भाजपा के खेमे से भी कड़ी आपत्ति जताई गई। राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्याध्यक्ष प्रशांत शितोले ने सीएमओ से इसकी शिकायत की, इसके चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस टेंडर की अमलबाजी पर रोक लगा दी है। साथ ही इसके विरोध में राष्ट्रवादी ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है। मनपा की सत्ताधारी भाजपा को चहुँ ओर से घेरने के इरादे से अब पीएमओ से भी इसकी शिकायत की है।

कार्रवाई पर सवाल; मगर दिक्कतें बढ़ी

दूसरे शहरों में कचरा ट्रांसपोर्टेशन के लिए प्रति टन 1500 रुपये दर है, जबकि पिम्परी चिंचवड़ मनपा ने इसके लिए 1780 रुपये प्रति टन का दर मंजूर किया है। इससे मनपा को सालाना सात करोड़ का आर्थिक नुकसान होगा, यह दावा राष्ट्रवादी ने किया है। पीएमओ ने इस शिकायत पर राज्य के नगरविकास विभाग, मनपा आयुक्त और स्वास्थ्य कार्यकारी अधिकारी से जवाब मांगा है, यह जानकारी प्रशांत शितोले और पूर्व विधायक विलास लांडे ने दी। बहरहाल कमीशन के लिए ठेकेदारों के बकाया बिल रोके रखने के बारे में सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ की गई शिकायत पर पीएमओ द्वारा जांच के आदेश के बाद उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब कचरा घोटाले के बारे में दूसरी शिकायत पीएमओ से की गई है। इस पर क्या कार्रवाई होगी? यह सवाल खड़ा हुआ है, मगर इस पूरे मामले ने सत्ताधारी भाजपा की मुसीबतें जरूर बढ़ा दी है।