किसानों के मुद्दे पर शिवसेना का लोकसभा से बहिर्गमन

नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)| सत्ता की खींचतान के बीच शिवसेना ने सोमवार को अपने पूर्व गठबंधन साझेदार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आवाज उठाई। शिवसेना ने महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बेमौसम बरसात से प्रभावित किसानों को तत्काल राहत देने की मांग की और लोकसभा से बहिर्गमन किया। शिवसेना का भाजपा के साथ गतिरोध निचले सदन में साफ दिखाई दिया। शिवसेना के सदस्यों ने दूसरी विपक्षी पार्टियों से पहले सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और कार्यवाही को बाधित किया।

शिवसेना व भाजपा दोनों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव साथ में लड़ा था, लेकिन सरकार बनाने में वे विफल रही, जिससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने हाल ही में दिवंगत हुए सांसदों के लिए श्रद्धांजलि प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद शिवसेना के सांसद अपनी सीटों पर खड़े हो गए और उन्होंने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। सांसद किसानों के लिए न्याय की मांग कर रहे थे।

अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली सेना ने किसानों के मुद्दे को उठाया था, जिन्होंने फसलों के नुकसान का सामना किया है और शिवसेना ने बिना किसी शर्त के किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की थी।

बाद में दूसरी पार्टियां भी शिवसेना के साथ शामिल हो गईं, लेकिन उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की रिहाई की मांग की।

फारूक अब्दुल्ला पांच अगस्त से कश्मीर में नजरबंद हैं। केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को पूर्व राज्य के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया।

नेशनल कांफ्रेंस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी व द्रविड़ मुनेत्र कड़गम सहित कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने सदन के मध्य जाकर ‘देश को बांटना बंद करो’ और ‘हम न्याय चाहते हैं’ के नारे लगाए।

इस शोरगुल के बीच लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने प्रश्नकाल जारी रखा। शिवसेना के नेता विनायक राउत ने केंद्र से किसानों के लिए मुआवजे की मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदा से नुकसान पहुंचा है। इसे लेकर पार्टी ने सदन से बहिर्गमन किया।