केजीएमयू में पहली बार, जुड़े हुए बच्चों को किया गया अलग

लखनऊ, 11 नवंबर (आईएएनएस)। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने 9 घंटे की सर्जरी के बाद जुड़े हुए जुड़वा बच्चों को सफलतापूर्वक अलग कर दिया है। केजीएमयू में पहली बार इस तरह की सर्जरी की गई है।

मंगलवार की सुबह खत्म हुई सर्जरी के बाद बच्चे ठीक हैं और उन्हें निगरानी में रखा गया है। एक डॉक्टर ने कहा कि असली परीक्षा तब होगी जब बच्चे भोजन करेंगे और उसे पचा भी पाएंगे। तब हम कह सकते हैं कि सर्जरी सही अर्थों में सफल रही है।

इन जुड़े हुए जुड़वा बच्चों का जन्म कुशीनगर जिले में पिछले साल नवंबर में एक दंपत्ति के यहां हुआ था। शिशुओं के दो लीवर थे, लेकिन वे जुड़े हुए थे। इसी तरह एपिकार्डियम (हृदय की सबसे बाहरी परत), छाती और भोजन नली का एक हिस्सा भी जुड़ा हुआ था। कुछ महीने पहले ही एक एनजीओ की मदद से ये माता-पिता अपने बच्चों को लेकर केजीएमयू में आए थे।

पीडियाट्रिक सर्जरी के डॉक्टरों ने जांच के बाद कहा कि कम से कम एक साल की उम्र होने के बाद उन्हें सर्जरी करके अलग करना चाहिए। विभाग के प्रमुख प्रो.एस.एन. कुरील ने विभिन्न सुपर स्पेशियलिटी विभागों की मदद से जुड़वा बच्चों को अलग करने के लिए सर्जरी की योजना बनाई।

सर्जरी में पीडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर कुरेल और जे.डी. रावत ने सर्जरी का समन्वय किया, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. अभिजीत चंद्रा और उनके सहयोगी डॉ. विवेक गुप्ता ने लीवर और फूड पाइप को अलग करने का काम किया। अंबरीश कुमार ने दिल और सीने को अलग करने का काम किया। एनेस्थीसिया विभाग की टीम जिसमें हेड प्रो.जी.पी. सिंह, विनीता सिंह और सतीश वर्मा ने सर्जरी में डॉक्टरों की सहायता की।

–आईएएनएस

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