नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस दौरान अर्नब गोस्वामी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। अर्नब ने बांबे हाई कोर्ट द्वारा जमानत से इनकार किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
अर्नब की जमानत याचिका पर बहस के दौरान हरीश साल्वे ने कहा कि द्वेष और तथ्यों को अनदेखा करते हुए राज्य की शक्तियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। हम एफआईआर के चरण से आगे निकल गए हैं। इस मामले में मई 2018 में एफआईआर दर्ज की गई थी। दोबारा जांच करने के लिए शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।
"If we as a constitutional court do not lay down law and protect liberty then who will?… If a state targets an individual like that, a strong message needs to be sent out…Our democracy is extraordinarily resilient," says Justice Chandrachud of Supreme Court https://t.co/KhIBROOf0p
— ANI (@ANI) November 11, 2020
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच सुनवाई जारी है। अधिवक्ता हरीश साल्वे अर्नब का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रख रहे हैं। वहीं, अर्नब की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार ने कैविएट दायर कर कहा कि उनका पक्ष सुने बगैर कोई आदेश जारी न किया जाए।
बता दें कि 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में रायगढ़ पुलिस ने अर्नब और दो अन्य लोगों को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था। बाद में अदालत ने इन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अर्नब फिलहाल तलोजा जेल में बंद हैं।
इस बीच मुंबई टीआरपी में हेरफेर मामले में रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। सिंह रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सहायक असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट भी हैं। सिंह की गिरफ्तारी के साथ मामले में अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।