सुप्रीम कोर्ट ने कहा-अगर कोई राज्य किसी व्यक्ति को टारगेट करता है, तो हमें एक मजबूत संदेश देने की आवश्यकता है

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम  रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्बन गोस्वामी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में  सुनवाई जारी है। सुप्रीम कोर्ट के जज धनन्जय वाई चंद्रचूड़ और जज इन्दिरा बनर्जी की पीठ यह सुनवाई कर रही है।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘अगर हम एक संवैधानिक न्यायालय के रूप में स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करेंगे, तो कौन करेगा?… अगर कोई राज्य किसी व्यक्ति को टारगेट करता है, तो हमें एक मजबूत संदेश देने की आवश्यकता है… हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है।

आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने मामले में गिरफ्तार अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने नौ नवंबर को कहा था कि उन्हें राहत के लिए निचली अदालत जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर आरोपी अपनी ‘गैरकानूनी गिरफ्तारी’ को चुनौती देते हैं और जमानत की अर्जी दायर करते हैं तो संबंधित निचली अदालत चार दिन के भीतर उस पर निर्णय करेगी। अर्णब ने शीर्ष अदालत में दायर अपील में महाराष्ट्र सरकार के साथ ही अलीबाग थाने के प्रभारी, मुंबई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को भी पक्षकार बनाया है।

इस मामले में अर्नब गोस्वामी सहित तीनों आरोपियों को चार नवंबर को देर रात एक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था जिन्होंने उन्हें पुलिस हिरासत में देने से इंकार करते हुये 18 नवंबर तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इस बीच, रिपब्लिक टीवी के कंसल्टिंग संपादक प्रदीप भंडारी ने रविवार को प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे को एक पत्र लिखकर गोस्वामी को तलोजा जेल स्थानांतरित किये जाने और खतरनाक अपराधियों के बीच रखे जाने का संज्ञान लेने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि अर्नब गोस्वामी की जान को खतरा है और उन्हें रविवार की सुबह पीटा गया है।