राज्य के मत्स्यपालन मंत्री जे. मर्सीकुट्टी और अमेरिका की एक कंपनी के बीच बैठक की यह तस्वीर है। यह बैठक राज्य के गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की एक प्रस्तावित परियोजना अमेरिकी कंपनी को सौंपने को लेकर है।
हालांकि मर्सीकुट्टी ने इस तरह की किसी भी बैठक के आरोप से इनकार किया है और कहा है कि चेन्निथला ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है क्योंकि वह शुक्रवार को इस परियोजना के साथ आए थे।
विपक्षी नेता ने कहा कि शुक्रवार को मर्सीकुट्टी और राज्य के उद्योग मंत्री ई.पी. जयराजन दोनों ने जवाब दिया कि उन्हें ऐसी किसी भी कंपनी के बारे में पता नहीं है। अब मैंने मर्सीकुट्टी की इस तस्वीर को जारी किया है जिसमें वह विचार-विमर्श करते हुए दिख रहे हैं। दो और दस्तावेज जारी किए जाएंगे जिनमें कहा गया है कि चार एकड़ का भूखंड उस अमेरिकी फर्म को सौंप दिया गया। यदि जरूरत पड़ी तो मैं मर्सीकुट्टी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच बैठक की तस्वीरें जारी करूंगा।
चेन्निथला ने कहा कि केरल की बेशकीमती मत्स्य संपदा उस अमेरिकी फर्म – ईएमसीसी को सौंप दी गई है, जिसका भारत में भी संचालन होता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान वामपंथी सरकार ने असहाय मछुआरे लोगों को धोखा दिया है, जो मत्स्य पालन से अपना जीवन यापन करते हैं। अगर हमें यह पता नहीं चलता, तो सब कुछ इस अमेरिकी फर्म को दे दिया जाता।
–आईएएनएस
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