कैट के अनुसार, अब वो समय नहीं है की राज्यों पर स्वतंत्र रूप से कोविड से बचाव का मामला छोड़ दिया जाए। प्रधानमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कहा है कि, कोविड से बचाव के लिए सभी राज्यों ने अपने अपने तरीके से रणनीति बनाई है जो किसी भी राज्य में कारगर साबित नहीं हुई है बल्कि पूर्णत विफल रही है।
इस बात से स्पष्ट है की विभिन्न तरीके के उपाय करने के बाद भी किसी भी राज्य में कोविड के मामलों में कोई कमी नहीं आई है बल्कि उलटे मामले तेज ऱफ्तार से बढ़े ही हैं।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि, सम्पूर्ण लॉकडाउन के अलावा अन्य अनेक विकल्पों पर भी विचार किया जाना चाहिए जिसमें विशेष रूप से सरकारी और निजी कार्यालयों, मार्केट एवं दुकानों, बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं आदि के कार्य समय में परिवर्तन करते हुए उनके लिए अलग अलग कार्य समय निर्धारित किये जा सकते हैं।
उन्होंने कहा की, यदि फिर भी सरकार सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाने का निर्णय करती है तो देश भर के व्यापारी उसका पालन करेंगे और पिछले वर्ष की तरह सरकार के साथ मिलकर पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को जारी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
जिस तरह से पिछली बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र एवं राज्यों ने मिलकर कोविड को हराया था, उसी तरह से इस बार भी कमोबेश उसी रणनीति से ही करोना पर विजय पाई जा सकती है।
–आईएएनएस
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