कॉमनवेल्थ: इन खिलाड़ियों पर होगी देश की नज़र

सिडनी: पुणेसमाचार

ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आज से 21वें कॉमनवेल्थ खेलों की शुरुआत हो रही है। यहाँ खेले जाने वाले कुल 18 खेलों में से 14 में भारतीय खिलाड़ी नजर आएंगे। आइये जानते हैं कि किन भारतीय खिलाड़ियों से देश को पदक की आस है:

बैडमिंटन

पीवी सिंधु
पीवी सिंधु महिला एकल मुकाबले में गोल्ड मेडल की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। 22 वर्षीय सिंधु ने 2014 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। पिछले कुछ सालों में सिंधु ने कई खिताब जीते और वर्ल्ड नंबर दो तक पहुंचीं।

साइना नेहवाल
साइना नेहवाल ने 2006 में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लिया था। 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया। उसके बाद वह 20 अंतरराष्ट्रीय खिताब जीत चुकी हैं। 28 वर्षीय साइना गोल्ड कोस्ट में एक बार फिर पदक हासिल करने की कोशिश करेंगे।

किदांबी श्रीकांत
दुनिया के नंबर 2 खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत के लिए 2017 का साल काफी अच्छा रहा है। उन्होंने चार खिताब जीते। श्रीकांत ने 2014 के गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इस बार  मलयेशिया के दिग्गज खिलाड़ी और दुनिया के पूर्व नंबर एक ली चोंग वी उनके राह में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।

रेसलिंग

सुशील कुमार
दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार कॉमनवेल्थ में गोल्ड हैटट्रिक लगाना चाहेंगे। सुशील कुमार ने पिछले दो एडिशन में गोल्ड मेडल जीता था। रियो ओलिंपिक में भाग नहीं ले पाने वाले सुशील पिछले साल ही मैट पर लौटे हैं।

विनेश फोगाट
विनेश कॉमनवेल्थ की मौजूदा चैंपियन हैं और पूरी उम्मीद है कि वह इस बार भी खिताब अपने नाम कर लेंगी। उनकी मौजूदा फॉर्म अच्छा है- उन्होंने 2017 और 2018 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता।

 

साक्षी मलिक
साक्षी ने रियो ओलिंपिक में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। अब उनकी कोशिश 2014 में मिले सिल्वर को गोल्ड में बदलने की होगी। हाल ही में उन्होंने 2018 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप, कजाकिस्तान में गोल्ड जीता।

बजरंग पूनिया
बजरंग पुरुषों के फ्रीस्टाइल रेसलिंग में भारत के लिए पदक के अहम दावेदार हैं। रियो ओलिंपिक में 65 किलोग्राम वर्ग में योगेश्वर के असफल रहने के बाद बजरंग अहम नाम बनकर उबरे। योगेश्वर के मैट से हटने के बाद बजरंग ने देश के लिए वर्ल्ड, एशियन और कॉमनवेल्थ स्तर पर मेडल जीते। देखने वाली बात होगी कि क्या वह इस बार देश को कोई पदक दिला पाते हैं?

भाला फेंक

नीरज चोपड़ा
20 वर्षीय नीरज चोपड़ा से भाला फेंक में पदक की उम्मीद है। चोपड़ा ने 2016 अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर सुर्खियाँ बटोरी थीं। उनका निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 86.48 मीटर है जो उनके सीजन बेस्ट 85.94 मीटर के करीब ही है। अगर वह अपने इस प्रदर्शन को दोहरा पाते हैं तो वह पदक जीत सकते हैं।

बॉक्सिंग

विकास कृष्णन
2010 एशियन गेम्स ग्वांगझो में गोल्ड मेडल जीतने वाले विकास कृष्णन ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने 2014 इंचियॉन एशियाड में 75 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था। इस 26 वर्षीय बॉक्सर ने हाल ही में बुल्गारिया में बेस्ट बॉक्सर का अवॉर्ड जीता है। विकास पदक में भारत के प्रबल दावेदार हैं।

मनोज कुमार
31 वर्षीय मनोज 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स की कामयाबी दोहराना चाहेंगे। 2014 के ग्लास्गो गेम्स में मनोज क्वॉर्टर फाइनल में बाहर हो गए थे। मनोज अर्जुन अवॉर्ड विजेता खिलाड़ी हैं।

लैशराम सरिता देवी
सरिता देवी इंडियन महिला बॉक्सिंग की अहम सदस्य हैं। उनके नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं। उन्होंने 2006 की वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में गोल्ड, 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ में सिल्वर पदक भी है। मालूम हो कि 2014 के एशियाई खेलों के सेमीफाइनल मुकाबले में कोरियाई मुक्केबाज पार्क जी-ना को घोषित किया गया था। हालांकि सरिता का मानना था कि उनके साथ गलत हुआ है। अवॉर्ड सेरिमनी में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन पर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया था।

स्कैवश

दीपिका-जोशना
चार साल पहले ग्लास्गो में दीपिका पल्लीकल कार्तिक और जोशना चिनप्पा की जोड़ी ने देश के लिए स्कैवश में पहला गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। इस बार भी इस जोड़ी से देश को पदक की आस है।

शूटिंग

जीतू राय
जीतू राय के सामने एकमात्र चुनौती ओम मितरवाल के रूप में है। मितरवाल भी अच्छी फॉर्म में हैं ऐसे में इन दोनों इवेंट में भारत को गोल्ड और सिल्वर जीतने की उम्मीद है।

अपूर्वी चंदेला
रियो गेम्स में चंदेला 34वें स्थान पर रही थीं। पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रीय खेलों में उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया था। गोल्ड कोस्ट में अपूर्वी 10मीटर एयर राइफल के अपने खिताब की रक्षा करेंगी जो उन्होंने चार साल पहले ग्लास्गो में जीता था।

मेहुली घोष

18 वर्षीय मेहुली घोष ने राष्ट्रीय खेलों में आठ गोल्ड और तीन ब्रॉन्ज मेडल हासिल किए हैं। पिछले महीने वर्ल्ड कप में उन्होंने महिलाओं के 10मीटर एयर राइफल में ब्रॉन्ज मेडल जीता। देश को उम्मीद है की मेहुली अपना पहला कॉमनवेल्थ मेडल जीत सकती हैं।

जिम्नास्टिक्स

अरुणा रेड्डी
अरुणा रेड्डी ने मेलबर्न में हुए जिम्नास्टिक्स वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। लिहाजा इस बार भी उनसे पदक की उम्मीद है। अरुणा ने 2005 में अपना पहला नेशनल मेडल जीता। उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप 2013, 2014 और 2017 में भाग लिया लेकिन वह कभी क्वॉलिफाइंग राउंड से आगे नहीं बढ़ पाईं।

हॉकी
गोल्ड कोस्ट गई भारतीय पुरुष टीम के 18 खिलाड़ियों ने कभी एक साथ किसी बड़े टूर्नमेंट में नहीं खेला है। लेकिन फिर भी देश को उनसे पदक की उम्मीद है। कोच शोर्ड मारिन पहले ही कह चुके हैं कि कॉमनवेल्थ गेम्स उनके लिए एक मिशन है। 7 अप्रैल को जब मनप्रीत सिंह और उनकी टीम पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेलेगी, तब देश भर की निगाहें उन पर टिकी होंगी। इसी तरह महिला टीम से भी पदक की आस है।