छगन भुजबल के साथ नाइंसाफी दूर हो: प्रकाश आम्बेडकर

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन

जांच के बाद छगन भुजबल को जमानत मिल जानी चाहिए थी, यह उनका संवैधानिक अधिकार है। मगर जांच एजेंसी ने अदालत से और समय मांगा है। अब तक की जांच में भुजबल के खिलाफ ठोस जानकारी नहीं मिली है, ऐसे में उन्हें अंदर रखना गलत है। ईडी ने अब तक उन्हें नहीं छोड़ा, भुजबल के साथ हो रही नाइंसाफी दूर होनी चाहिए। यह मत भारिपा के अध्यक्ष प्रकाश आम्बेडकर ने सोमवार को पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन में व्यक्त किया।

महाराष्ट्र सदन घोटाला, बेनामी और आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को गिरफ्तार किया है। बीते कई माहों से वे सलाखों के पीछे हैं। उनकी रिहाई के लिए नासिक के नेता लगातार प्रयासरत हैं। इस पर अपनी बात रखते हुए प्रकाश आम्बेडकर ने उपरोक्त भूमिका स्पष्ट की। राज्य की सियासी व अन्य गतिविधियों पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि, भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही कैबिनेट की पहली बैठक में धनगर समाज को आरक्षण देने का फैसला करने का वादा किया था, जिसे सत्ता में आने के बाद भूला दिया गया है। इसके विरोध में 20 मई को पंढरपुर में विशाल परिषद में अपनी भूमिका स्पष्ट करेंगे, यह भी उन्होंने बताया।