मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने कहा, यह एक जर्मन ट्रेनिंग उपकरण है। उपकरण भाला फेंकने वाले को फेंकने की शक्ति विकसित करने में मदद करती है। इससे निश्चित रूप से भारतीय भाला फेंकने वालों को फायदा होगा। वे इन मशीनों पर विदेशी विशेषज्ञों उवे होन और भारतीय टीम से जुड़े बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ डॉ क्लाउस बाटरेनिएट्स की देखरेख में प्रशिक्षण शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत केवल तीसरा देश है, जिसके पास यह मशीन है। कोच ने कहा, जर्मनी और चीन के बाद भाला फेंक खिलाड़ियों की मजबूती और रफ्तार बढ़ाने में मदद के लिए विशेष मशीन हासिल करने वाला भारत तीसरा देश बन गया है।
नायर ने कहा कि इससे भाला फेंक एथलीटों अपनी मजबूती और रफ्तार बढ़ाने में मदद मिलेगी। और साथ ही उन्हें चोट के काफी कम जोखिम के भाले को आदर्श दिशा में भेजने में मदद मिलेगी। यह मशीन इसी सप्ताह भारत पहुंची है और इसे शुक्रवार को स्थापित किया गया है।
–आईएएनएस
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