जापान ने तिब्बत के समर्थन का लिया संकल्प

धर्मशाला, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ वाले जापान में तिब्बत के समर्थन के लिए निर्मित संसदीय समूह ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के अध्यक्ष लोबसांग सांगे को सम्मानित किया है क्योंकि उन्होंने इस पद पर अपने दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं और इसके साथ ही समूह ने तिब्बत को विभिन्न मुद्दों पर निरंतर समर्थन देने का भी आश्वासन दिया है।

वर्चुअली आयोजित इस कार्यक्रम में सांगे ने जापान के लोगों और सरकार को धन्यवाद कहा क्योंकि उनके द्वारा तिब्बत को न्याय दिलाने और इसकी सच्चाई के लिए हमेशा समर्थन दिया जाता रहा है।

इस दौरान सांगे ने पूर्व प्रधानमंत्री आबे के नेतृत्व में जापान के एक प्रभावशाली थिंक टैंक के अध्यक्ष शिमोमुरा हकुबुन और सकुराई योशिको के साथ धर्मशाला में हुई अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए कहा कि उस वक्त के बाद से जापान में उनका अकसर आना-जाना होता रहता है।

उन्होंने कहा, आज की बैठक दुनिया को एक सही और मजबूत संदेश भेजती है कि जापान मानव अधिकारों और लोकतंत्र के लिए खड़ा है। आप तिब्बत में चीन के दमन से पीड़ित साठ लाख तिब्बतियों तक इस बात का भी संदेश पहुंचा रहे हैं कि जापान न्याय के साथ खड़ा है।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि तिब्बत का समर्थन करने का मतलब यह नहीं है कि कोई चीन विरोधी है।

उन्होंने तिब्बत, उइगुर, मंगोलिया, हॉन्गकॉन्ग और ताइवान का समर्थन करने में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए जापान की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसा करते हुए जापान की तरफ से यह संदेश जा रहा है कि मानवाधिकार मौलिक और लोकतंत्र सार्वभौमिक है। ये चीनी मूल्यों के विपरीत है क्योंकि यहां समाजवाद का बोलबाला है।

–आईएएनएस

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