झारखंड में ‘कमलदूत’ के जरिए भाजपा चली गांव-गांव

रांची, 26 सितंबर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड विधानसभा चुनाव में अपने 65 सीटों पर जीत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर घर तक पहुंचने के लिए नायाब तरीका अपनाया है। भाजपा के कार्यकर्ता ‘कमलदूत अभियान’ के तहत गांव-गांव, घर-घर पहुंच सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को रांची के कांके के बोड़ेया से कमलदूतों को रवाना कर इस अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री दास ने कहा कि कमलदूत गांव-गांव घूमकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी लोगों को देंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पंडित दीन दयाल उपाध्याय के सपनों को पूरा करने के लिए अंत्योदय की राह पर चल रही है।

इन कमलदूतों को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री ने खुद भी साइकिल चलाई।

कमलदूतों की साइकिल को भी डिजायन कर बनाया गया है। कमलदूतों की साइकिल ‘ऑडियो सिस्टम’ से लैस है, जिसके जरिए ये सरकार की योजनाओं को जनता के बीच प्रचारित कर रहे हैं।

भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आईएएनएस से कहा कि पहली बार साइकिल को प्रचार अभियान में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि साइकिल को प्रचार वाहन में परिवर्तित किया गया है। कमलदूत के रूप में पार्टी कार्यकर्ता वादों-इरादों और नारों के साथ-साथ राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी लेकर गांव-गांव पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा का मुख्य उद्देश्य वैसे स्थानों तक भी पहुंचना है जहां चार पहिया वाहन और तीन पहिया वाहन नहीं पहुंच सकते। भाजपा का उद्देश्य विकास की किरणों को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।

उन्होंने बताया कि ये कमलदूत प्रत्येक दिन 20 से 25 किलोमीटर साइकिल चलाकर गांव-गांव पहुंचेंगे और लोगों से संवाद स्थापित कर भाजपा का संदेश देंगे। साइकिल पर ऑडियो सिस्टम और माइक है, जिससे कमलदूत गांव में अपने आने की भी सूचना दे सकेंगे।

भाजपा के एक नेता ने कहा कि कुछ साइकिल भाड़े पर ली गई हैं। साइकिल के कैरियर के स्थान पर डिजायन कर एक बॉक्स बनाया गया है, जिसमें प्रचार सामग्री रखी जा सकेगी।

भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर कहते हैं कि वर्तमान समय में राज्य में 4,000 साइकिलों को इस कार्य में लगाया गया है, जिस पर कमलदूत सवार होकर गांव-गांव पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का सबसे बड़ा मुद्दा विकास है, इसलिए पार्टी केंद्र और राज्य सरकार के कामकाजों को गिनाने में जुटी हुई है।

बहरहाल, इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अन्य सभी दलों से प्रचार अभियान में भाजपा अब तक बढ़त बनाए हुए है। परंतु इस प्रचार अभियान से वह मतदाताओं को अपनी ओर कितना आकर्षित कर पाती है, इसका पता तो चुनाव परिणाम के आने के बाद ही पता चल सकेगा।