डीजी, आईजी सहित 515 आईपीएस अधिकारियों ने आईपीआर अबतक नहीं भरा

पुणे समाचार

देश के डीजी और आईजी सहित 515 आईपीएस अधिकारियों ने वर्ष 2016 में अपना संपत्ति का विवरण (आईपीआर) अबतक प्रस्तुत नहीं किया है। जिसकी वजह से गृह मंत्रालय द्वारा उनका प्रमोशन रोका जा सकता है। साथ ही प्रमोशन के लिए आवश्यक विजिलन्स क्लिअरन्स भी रद्द किया जा सकता है।

ऑल इंडिया सर्विसेस (आचारसंहिता) नियम 1968 अनुसार भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों द्वारा संपत्ति का विवरण 31 जनवरी तक प्रस्तुत करना आवश्यक है। लेकिन देश के 3905 आईपीएस अधिकारियों में से एक 3393 आईपीएस अधिकारियों ने 31 मार्च 2017 तक आईपीएसआर भरा था। ऐसा गृहमंत्रालय के एक अधिकारी द्वारा यह जानकारी दी गई।

आईपीआर भरने के लिए सरकार ने एक फॉर्म जारी किया था, जिसमें नकद रकम, बैंकी डिपॉजिट, बॉण्ड्स में निवेश, डिबेंचर्स, शेअर्स और कंपिनयों व म्युच्युअल फंड के युनिट्स, इन्शुरन्स पॉलिसीज, प्रॉविडंट फंड, पर्सनल लोन और संस्था व्यक्तियों को दी गई रकम, गाड़ियां, विमान, नौका व जहाज, सोना और चांदी के गहनों की घोषणा करना आवश्यक है।

लेकिन 515 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों ने आईपीआर नहीं भरने की वजह से गृह मंत्रालय की ओर कड़ी कारवाई की जा सकती है। जिसमें उनका प्रमोशन रोका जा सकता है और प्रमोशन के लिए आवश्यक विजीलन्स क्लिअरन्स रद्द किया जाएगा।

क्या है आयपीआर

ऑल इंडिया सर्विसेस (आचारसंहिता) नियम 1968 अनुसार भारतीय प्रशासकीय सेवा के अधिकारियों को अपनी संपत्ति का विवरण प्रशासन को देना अनिवार्य होता है।